
नोएडा। पिछले महीने से चला आ रहा एडीएम कर्नल विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। दोनों पक्ष सोमवार को मीडिया के सामने आए और एक-दूसरे के ऊपर गंभीर आरोप लगाए। आपको बता दे कि 14 अगस्त के बाद आज 10 सितंबर को एडीएम परिवार के साथ अपने नोएडा के सेक्टर-29 स्थित आवास पर पहुंचे। जिसके बाद एडीएम की पत्नी ऊषा चंद्रा मीडिया के सामने आईं।
ऊषा ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपने साथ हो रहे अन्याय के बारे में कहा कि 307 जैसी गंभीर धाराओं में मेरे बेटे और मेरे खिलाफ एफआईआर हुई है। उसके बाद मेरे घर को अतिक्रमण का नाम देकर तोड़फोड़ की गई। प्राधिकरण बताये कि क्या कर्नल या और लोगों ने सेक्टर-29 में अतिक्रमण नहीं किया है। मुझे पिछले 4 सालों से कर्नल परेशान कर रहा है। क्योंकि वो अपने ऊपर किसी दलित को नहीं रहने देना चाहता है। वहीं जेवर में खरीदी गई जमीन को लेकर लगे आरोपों को भी गलत बताते हुए कहा कि सिर्फ मुझे बदनाम करने की साजिश है और कुछ नहीं।
वहीं रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान ने एडीएम की पत्नी के सभी आरोपों को निराधार बताते हुए दोषी लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन एडीएम के इशारे पर चल रहा है। यही वजह है कि हमें तो तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं अब एडीएम और उसके परिवार को गिरफ्तार करने की बात आई तो उन्हें समय दे दिया ताकि वो कोर्ट से स्टे ला सके।
वहीं चौहान ने ये भी कहा कि हमारे ऊपर लगे सभी आरोप गलत हैं। इसलिए मुकदमे को तुरंत बंद किया जाये। वहीं दोनों पक्षों ने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच कराने की बात कही ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। एडीएम की पत्नी द्वारा नोएडा प्राधिकरण पर लगाए गए आरोपों पर प्राधिकरण के अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए बात की लेकिन कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। आपको बता दे कि एडीएम की पत्नी ने रिटायर्ड कर्नल के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने कर्नल को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन घटना की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद मामला पलट गया था।
Updated on:
10 Sept 2018 09:10 pm
Published on:
10 Sept 2018 09:05 pm
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