
मुख्यमंत्री योगी ने दिए एडीएम की गिरफ्तारी के आदेश फिर भी पीसीएस अधिकारी को हाथ नहीं लगा पाएगी पुलिस, जानिए क्यों
नोएडा।यूपी के गौतमबुद्धनगर जिले में रिटायर्ड कर्नल आैर एडीएम के बीच हुआ विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है।यहीं वजह है कि इस पर पुलिस से लेकर प्रशासन आैर सीधे मुख्यमंत्री योगी बीच में आ गये।उन्होंने पूरे मामले की जांच का जिम्मा अधिकारियों काे सौंपा।जिसके बाद एडीएम को निलंबित कर दिया गया था।साथ ही अधिकारियों को एडीएम की गिरफ्तारी के आदेश दिए गये।लेकिन पुलिस चाहकर भी एडीएम से लेकर उसकी पत्नी आैर बेटे को हाथ नहीं लगा सकेंगी।हालांकि पुलिस ने उनके खिलाफ कर्नल की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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इसलिए पुलिस नहीं लगा सकती एडीएम को हाथ
दरअसल रिटायर्ड कर्नल वी. पी. एस चौहान ने एडीएम उनकी पत्नी, आैर बेटे समेत चार लोगों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। इस शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एडीएम की गिरफ्तारी में जुटी थी। लेकिन अब पुलिस आरोपी एडीएम यानि पीसीएस अधिकारी को हाथ नहीं लगा सकेंगी। इसकी वजह एडीएम समेत उनकी पत्नी और बेटे समेत चार लोगों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है। स्टे मिलने पर एडीएम ने जल्द ही सामने आकर अपना पक्ष रखने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि कर्नल से उनकी कहासुनी हुई थी, लेकिन उनके खिलाफ 307 का केस दर्ज कर दिया गया।
इन पुलिस अधिकारियों पर हो चुकी है कार्रवार्इ
वहीं बता दें कि 14 अगस्त को सेक्टर-29 में एडीएम व रिटायर्ड कर्नल के बीच हुए विवाद के बाद एडीएम की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने कर्नल को हथकड़ी पहनाकर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था। इसके बाद सैन्य अधिकारियों ने इसका विरोध किया।जिसके बाद एसएसपी ने सीओ, एसएचओ, चौकी इंचार्ज और सिटी मैजिस्ट्रेट को हटा दिया।अब इस पूरे मामले की जांच करने मेरठ मंडल की कमिश्नर अनीता मेश्राम व आईजी राम कुमार बुधवार को नोएडा पहुंचे। जहां उन्होंने इस मामले में प्राधिकरण अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। साथ ही उन पर फटकार भी लगार्इ।
Published on:
30 Aug 2018 12:31 pm
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