
बुलंदशहर। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को बुधवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब बुलंदशहर सदर सीट से बसपा के टिकट पर लगातार दो बार विधायक रहे बाहुबली हाजी अलीम की सुबह हार्ट अटैक से मौत हो गई। आपको बात दे कि हाजी अलीम 2007 व 2012 में बुलंदशहर सदर सीट से विधायक चुने गए थे। 2007 में उन्होंने सपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव को हराया था तो वहीं 2012 में भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह सिरोही को शिकस्त दी थी।
आपको बता दे कि हाजी अलीम से पहले कोई भी बसपा प्रत्याशी बुलंदशहर सदर सीट से जीत दर्ज नहीं कर सका था। पहली बार हाजी अलीम ने ही यह सीट बसपा की झोली में डाली थी। बीते 2017 के विधानसभा चुनाव में अलीम को भाजपा नेता वीरेंद्र सिंह सिरोही से करीब 23 हजार से भी अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। वर्तमान में अलीम के भाई हाजी यूनुस बुलंदशहर सदर के ब्लॉक प्रमुख हैं। अलीम को बाहुबली नेता माना जाता था। उन पर कई गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
साल 2013 में विधायक अलीम की पत्नी का कत्ल हो गया था। पुलिस की तफ्तीश में सुई बार-बार किसी करीबी की ओर घूम रही थी। पता चला कि उनके बेटों ने ही अपनी सौतेली मां का कत्ल कर दिया था। 2012 में चुनाव लड़ते समय जो हलफनामा अलीम ने दाखिल किया था उसके मुताबिक उनकी दो पत्नियां थीं जिनमें से रेहाना का कत्ल हो गया था। साल 2003 में उनके भाई हाजी युनुस और उन पर नेपाली लड़कियों के साथ रेप का आरोप भी लगा था। 2003 के इसी प्रकरण के बाद से अलीम राजनीति में सक्रिय हुए थे। उनके भाई हाजी युनुस ने पूर्वी दिल्ली से बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए थे। अलीम उस वक्त भी चर्चा में आए थे जब मेरठ में उनका बेटा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। अलीम ने जो हलफनामा 2017 में दाखिल किया है उसके मुताबिक उन पर तीन मामले चल रहे हैं।
Published on:
10 Oct 2018 02:38 pm
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