
नोएडा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना और नूरपुर उपचुनाव में मिली सफलता के बाद सपा-बसपा के बीच महागठबंधन को लेकर सहमति बनने की चर्चाएं पूरे जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस व रालोद भी इसके लिए तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक सीटों के बंटवारे को लेकर इन दलों में बातचीत चल रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं।
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महागठबंधन होने की स्थिति में इन सभी पार्टियों की मिलकर इन सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है। लेकिन इसके बीच ऐसा माना जा रहा है कि कुछ सीटें ऐसी हैं, जिनको लेकर सपा-बसपा में टकराव की स्थिति बन सकती है। इसके पीछे कारण यह है कि कुछ सीटों पर बसपा ने प्रत्याशी घोषित कर रखे हैं। इनमें कुछ सीटों पर सपा भी अपना दावा ठोक सकती है। इन्हीं सीटों में शामिल है बसपा सुप्रीमो मायावती के ग्रहक्षेत्र की लोकसभा सीट गौतमबुद्धनगर।
दरअसल इस सीट पर पिछले साल ही बसपा सुप्रीमो ने वीरेंद्र डाढ़ा को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। ऐसा माना जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती अपने गृह जनपद की सीट महागठबंधन में सपा के लिए छोड़ने के लिए शायद ही राजी हों। इसके अलावा गत 2014 के लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्धनगर सीट पर सपा प्रत्याशी नरेंद्र भाटी दूसरे नंबर पर रहे थे, इसलिए उम्मीद है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी अगर यह सीट छोड़ने के लिए राजी नहीं हुए तो महागठबंधन खटाई में पड़ सकता है।
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अगर गठबंधन हो भी गया और सीट सपा के खाते में चली गई तो बसपा के घोषित प्रत्याशी वीरेंद्र डाढा का टिकट कट सकता है। ऐसे में टिकट कटने के बाद वीरेंद्र डाढ़ा के पैरों तले जमीन खिसक सकती है। क्योंकि बसपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद वह लगातार लोकसभा क्षेत्र में जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। इस दौरान वह लाखों रुपया खर्च कर चुके हैं। ऐसे में महागठबंधन में अगर पासा पलटा तो बसपा प्रत्याशी का टिकट कटना तय है।
Published on:
10 Aug 2018 08:18 pm
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