
नोएडा। दिसंबर की ठंड अब अपना रंग दिखाने लगी है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग स्कूली बच्चों को अब तक यूनिफॉर्म के निशुल्क स्वेटर नहीं दे सका है। विभाग की लेटलतीफी के चलते बच्चे स्कूलों मे ठिठुरने को मजबूर हैं। इस दिशा में चल रही कवायद को देखे तो जिले के सभी प्राथमिक औऱ जूनियर हाईस्कूलों में दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक ही स्वेटरों का वितरण हो सकेगा। हालांकि यह भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है।
शर्ट में पढ़ने पहुंच रहे बच्चे
नोएडा के सेक्टर-5 के प्राथमिक विद्यालय के कुछ बच्चे तो अभी स्कूली शर्ट में ही पढ़ रहे हैं। ठंड तो शबाब पर आ गई है लेकिन अभी तक बच्चों को स्वेटर व ड्रेस का वितरण नहीं हो पाया। जबकि कई बच्चों के माता- पिता ने अपने बच्चों को स्वेटर खरीद कर दे दिया है। बता दें कि पत्रिका की पड़ताल में ये खुलासा हुआ है कि सरकार ने जुलाई में बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूलों के 1.52 करोड़ रुपये से ज्यादा छात्रों को निशुल्क स्वेटर वितरण की घोषणा की थी।
मिल चुकी है वित्तीय मंजूरी भी
प्रदेश की योगी सरकार ने स्कूलों के बच्चों को निशुल्क ड्रेस, जूते व मोजे के साथ स्वेटर को ठंड से पहले वितरण किए जाने का दावा किया था। इसके लिए सभी जिलों से बच्चों की उम्रवार संख्या मांगी गई थी। वहीं इसको लेकर पोर्टल पर जिलावार वितरण प्रणाली गठित कर फर्मों से आवेदन मांगे थे। इसके बाद अक्टूबर में महीने में विभाग को सरकार से वित्तीय मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन अभी तक स्वेटरों का वितरण नहीं किया गया है। जबकि शासन की ओर से दावा किया गया था कि 15 नवंबर तक सभी बच्चों को स्वेटर वितरण कर दिये जाएंगे। वहीं स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक का भी ये ही मानना है कि वो भी स्वेटर का इंतजार कर रहे है।
व्यवस्था में बदलाव कब
वहीं अब सवाल है कि आखिर कब सुधरेगी सरकारी तंत्र की शिथिल कार्यप्रणाली और कब जनता को जनकल्याणकारी योजनाओं का समय से लाभ मिलना शुरू होगा। सुस्त सरकारी मशीनरी का ही परिणाम है कि जनता को तमाम योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बात दीगर है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लाखों करोड़ों खर्च किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके लोगों को इसा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
Updated on:
14 Dec 2017 12:32 pm
Published on:
14 Dec 2017 11:25 am
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