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Ground Report: नोएडा के दर्जनों प्रोजेक्टों पर कोरोना का साया, मजदूरों के पलायन से धीमी पड़ी काम की रफ्तार

नोएडा में चल रहे सभी प्रोजेक्टों पर काम लगभग ठप। प्राधिकरण के महत्वकांशी प्रोजेक्टों का काम भी धीमा पड़ा। समय से कई महीने देरी से पूरे हो सकेंगे प्रोजेक्ट।

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नोएडा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। हर राज्य अब लॉक डाउन लगाने की तैयारी मे हैं। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के चलते एक बार फिर से लॉक डाउन जैसी स्थितियां पैदा हो रही है। जिसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों और हर दिन कमा कर खाने वालों पर पड़ रहा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सूबे में कर्फ्यू संबंधी सख्ती बढ़ा दी है। इस सख्ती के बाद एक बार फिर से गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) से प्रवासी मजदूरों का अपने घर वापस जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। जबसे लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से ज्यादातर प्रवासी मजदूर अपने गांवों की तरफ रूख कर चुके हैं।

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जानकारों के अनुसार हर रोज मजदूरों के घर जाने की संख्या में इजाफा होता जा रहा है और अब इसका सीधा असर नोएडा के सरकारी और गैर-सरकारी प्रोजेक्ट पर देखा जा सकता है। दरअसल शहर में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं लेकिन लॉक डाउन के चलते बहुत ही कम मजदूर बचे हुए हैं। जिसके चलते काम की रफ्तार में कमी तो आएगी ही साथ ही ये सभी प्रोजेक्ट पूर्व निर्धारित समय सीमा में भी पूरे नही हो पाएंगे।

नोएडा अथॉरिटी सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मजदूरों की कमी के चलते प्रोजेक्ट की रफ्तार में कमी आई है। उन्होंने बताया कि पर्थला गोलचक्कर पर निर्माणाधीन सिग्नेचर ब्रिज भी इस साल दिसंबर महीने में शुरू होना था, लेकिन अभी की परिस्थितियां देखते हुए लग रहा है कि यह प्रोजेक्ट वक्त रहते शुरू नहीं हो पाएंगे वहीं जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वह भी समय से पूरे नही हो सकेंगे।

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गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-96 में भी अंडरपास बनाने का काम चल रहा था। इस अंडरपास को इसी साल सितंबर महीने तक तैयार होना था लेकिन इब इसके बनने में 6-7 महीने की देरी हो सकती है। वहीं सेक्टर-71 अंडरपास हो या दिल्ली के चिल्ला रेगुलेटर से नोएडा के महामाया फ्लाईओवर तक एलिवेटेड रोड बनाने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भी अब ठप होता दिख रहा है, क्योंकि यहां पर भी मजदूरों की कमी साफ देखी जा रही है। इतना ही नहीं नोएडा प्राधिकरण के कई अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जहां कुछ होम आइसोलेशन में हैं तो कुछ का इलाज अस्पताल में चल रहा है। जिसकी वजह से नोएडा शहर में चलने वाले सभी प्रोजेक्ट के पूरे होने पर एक संशय बना हुआ है।