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फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की ठगी, 11 साल बाद आरोपी चढ़ा सीबीआई के हत्थे

बैंक धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को एक घोषित अपराधी बबलू उर्फ रवींद्र यादव को गिरफ्तार किया। अपराधी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित गुलावठी से पकड़ा गया।

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नोएडा

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Aman Pandey

Jul 25, 2025

सीबीआई ने 5 दिसंबर 2011 को भारतीय स्टेट बैंक की मेरठ शाखा के सहायक महाप्रबंधक की लिखित शिकायत के आधार पर बैंक धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पंजाब नेशनल बैंक की सिकंदराबाद शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक नवल किशोर गुप्ता और अन्य व्यक्तियों ने साल 2011 में फर्जी मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और रेंट एग्रीमेंट पेश कर फेक करंट अकाउंट के माध्यम से 1.18 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की।

2013 में दायर किया था आरोप पत्र

इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने 30 अगस्त 2013 को पंजाब नेशनल बैंक की सिकंदराबाद शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक नवल किशोर गुप्ता, पीएनबी की सिकंदराबाद शाखा के सुरक्षा गार्ड देवराज, प्राइवेट व्यक्ति बबलू उर्फ रवींद्र यादव और मनोज के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। अन्य आरोपियों के साथ आरोपी बबलू उर्फ रवींद्र यादव भी धोखाधड़ी मामले में शामिल था।

इनको हुई थी सजा

अदालत ने 20 दिसंबर 2023 को आरोपी बबलू उर्फ रवींद्र यादव को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। इस पर उसे उसी दिन भगोड़ा घोषित कर दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया। इस मामले में अदालत ने अन्य आरोपी नवल किशोर गुप्ता, देवराज और मनोज को दोषी ठहराया और प्रत्येक को 5 साल के कारावास की सजा सुनाई।

स्थायी वारंट के अनुपालन में सीबीआई, एसीबी, गाजियाबाद की टीम आरोपी बबलू उर्फ रवींद्र यादव की तलाश में लगातार प्रयास कर रही थी और आखिरकार आज उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।