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जिलाधिकारी बी.एन सिंह द्वारा बताया गया जैसे ही रेसक्यू ऑपरेशन खत्म हो जाएगा हम एक प्रेस नोट जारी करेंगे। साथ ही प्रशासन द्वारा इस मामले में पूरी तरह सहयोग किया गया है। यह गलत खबरें हैं कि प्रशासन ने एनडीआरएफ की मदद नहीं की। जबकि हमारे द्वारा ही इस घटने के एक घंटे के भीतर एनडीआरएफ को सूचित किया गया और डीएम होने के नाते मैं हर समय अधिकारियों से संपर्क में रहा। जिससे की इसमें जल्दी से जल्दी काम किया जा सके। इसके साथ ही एनडीआरएफ कमांडेंट प्रदीप श्रीवास्तव ने भी मैसेज पर इस बात को गलत बताया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि श्रीवास्तव द्वारा भेजे गए मैसेज में कहा गया है कि जो भी चर्चाएं है कि जिला प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ का सहयोग नहीं किया गया वह सही नहीं है। हमें पूरा सयोग मिला है और इसी सहयोग के कारण हम इतने बड़े रेसक्यू ऑपरेशन करने में कामयाब रहे। हालांकि इस बीच हमने यह जरूर कहा था कि बिल्डिंग का नक्शा व उसमें रहने वाले लोगों की सही जानकारी नहीं मिलने के चलते हमें कुछ समस्या जरूर हुई। लेकिन यह भी सच है कि प्रशासन द्वारा हमें पूरी तरह सहयोग किया गया है।
बता दें कि मंगलवार रात करीब 9 बजे एक छह मंजिला इमारत निर्माणधीन चार मंजिला इमारत पर आ गिरी। जिसके चलते कई लोग मलबे में दब गए। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। जिसके बाद मौके पर अधिकारियों का जमावड़ा लग गया और तुरंत एनडीआरएफ को सूचित किया गया। वहीं इन इमारतों का नक्शा नहीं मिलने के कारण रेसक्यू कार्य देरी से शुरू हुआ। जिसके बाद यह भी चर्चाएं चलने लगी की एनडीआरएफ टीम को जिला प्रशासन द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा। जिसे जिलाधिकारी ने नकार दिया।