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प्लास्टिक आटे का वायरल सच, ये है इसके पीछे की सच्चाई

पिछले कई दिनों से आटे में मिलवाट और प्लास्टिक आटा की वीडियो वायरल हो रही है।

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नोएडा। पिछले कई दिनों से आटे में मिलवाट और प्लास्टिक आटा जैसी खबरें आने पर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लिया है। जिलाधिकारी बी.एन सिंह ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए लोगों तक इसकी सही जानकारी देने के लिए कहा है। जिसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी सम सुन नेहा ने लोगों के मन से प्लास्टिक आटा का भ्रम दूर करने के लिए वैज्ञानिक तथ्यों पर एक वीडियो तैयार किया है।

खाद्य विभाग द्वारा जारी की गई वीडियो देखने के लिए क्लिक करें

इस वीडियो में खाद्य विभाग की अधिकारी द्वारा बताया गया है कि आज कल सोशल साइट्स पर वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें प्लास्टिक आटे का जिक्र किया गया है। जबकि प्लास्टिक आटा जैसा कुछ नहीं होता। जो वीडियो में प्लास्टिक जैसा पदार्थ दिखा जाता है उसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण होते हैं। दरअसल, आटे में ग्लोटिन नामक प्रोटिन होता है। जब आटा पानी में घुलता है तो यह प्रोटिन घुल नहीं पाता और यही प्लास्टिक जैसा प्रतित होता है।

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इस प्रोटिन से ही आटे में खिचाव होता है जो आटे को गूंदने में सहायक होता है। यही नहीं, फूड सेफ्टी एंड स्टैंड‌र्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) के मानकों के अनुसार आटा में न्यूनतम 6 फीसदी ग्लोटिन होना आवश्यक है क्योंकि यह सेहत के हिसाब से लाभदायक होता है। अत: प्लास्टिक आटा जैसी अफवाहों से सतर्क रहें।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुई जिनमें बताया गया कि आटा गूथने के दौरान उसमें होने वाली खिचाव और इलास्टीसिटी का कारण उसमें प्लास्टिक मौजूद होना है। इन वीडियो में कई बड़ी आटा निर्मित कंपनियों पर आरोप लगाए गए हैं। जिसके चलते एक कंपनी द्वारा इन वीडियो के खिलाफ दिल्ली में तीन एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।