
डीपीएस रेप मामला: स्कूल की प्रिंसिपल ने जांच अधिकारी को दी धमकी, अभिभावकों ने खोला मोर्चा
नोएडा। दिल्ली पब्लिक स्कूल में चार साल की बच्ची के साथ स्कूल के स्विमिंग पूल में तैनात लाइफ गार्ड द्वारा की गई हैवानियत के खिलाफ अभिभावकों और शहर के सामाजिक संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। भारी संख्या में लोग स्कूल पहुंचे जहां उन्होंने ना सिर्फ प्रदर्शन किया बल्कि स्कूल के प्रिंसिपल का भी घेराव किया। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने नारेबाजी करते हुए सीबीआई जांच और प्रिंसिपल को निलंबित कर तथ्यों को छुपाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। जहां लोगों ने सीबीआई जांच की मांग कर दी है वहीं जानकारी के मुताबिक स्कूल प्रशासन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं प्रिंसिपल ने पुलिस को अब तक घटना के वक्त की सीसीटीवी फुटेज भी नहीं सौंपी है। जिसके बाद अब पुलिस स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ भी मामला दर्ज करने की फिराक में है।
क्या है मामला-
दरअसल घटना 14 जुलाई की है जब ग्रेटर नोएडा के थाना सूरजपुर क्षेत्र के डेल्टा 2 में स्थित डीपीएस स्कूल में एक चार साल की बच्ची स्विमिंग सिखने गई थी। बताया जा रहा है कि इसी दौरान यहां मौजूद लाइफ सेफ्टी गार्ड ने उसके साथ रेप किया। बच्ची की हालत देख जब परिजनों ने बच्ची से पूछा तो उसने लाइफ सेफ्टी गार्ड की ओर इशारा किया और रोने लगी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने आरोपी लाइफ सेफ्टी गार्ड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अरेस्ट कर लिया। बच्ची का मेडिकल चेक अप कराया गया था। जिसमें उसके साथ रेप की पुष्टि हो गई है।
पुलिस को नहीं दिए घटना के सीसीटीवी फुटेज-
बच्ची के साथ रेप की पुष्टी होने के बाद पुलिस सोमवार को स्कूल पहुंची। लेकिन स्कूल ने जांच में सहयोग नहीं किया। स्कूल की प्रिंसिपल से जब जांच अधिकारी ने घटना के वक्त का सीसीटीवी फुटेज मांगा तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया। वहीं मामले की जांच कर रहे बोबेश धीमान ने बताया कि उन्होंने प्रिंसिपल से सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग मांगी, पर उन्होंने अपना रसूख दिखाते हुए उल्टा उन्हे ही धमकी देने लगीं। ऐसे में पुलिस अब पॉक्सो एक्ट के तहत जल्द ही प्रिंसिपल के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी में है। वहीं पीड़ित बच्ची के परिजनों के मुताबिक स्कूल से पीड़ित बच्ची के परिवारीजनों को फोन पर एफआईआर वापस लेने की धमकी दी गई जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है। इसके साथ ही जांच अधिकारी ने बताया कि स्कूल में मौजूद कई अभिभावकों ने अपने बच्चों के संबंध मे स्कूल की शिकायतें की हैं। ऐसे अभिभावकों को उन्होंने थाने में मिलने के लिए बुलाया है। अगर आवश्यकता पड़ी तो वे अन्य अभिभावकों के बयान भी विवेचना में शामिल करेंगे।
बच्ची का जल्द ही बयान होगा दर्ज-
वहीं घटना के बाद से बच्ची और उनके परिजन डरे हुए हैं। जिसकी वजह से बच्ची का भी बयान दर्ज नहीं हुआ है। सूरजपुर कोतवाली प्रभारी मनोज पंत का कहना है कि एक-दो दिन में बच्ची के बयान दर्ज किए जाएंगे। जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई कमेटी को रिपोर्ट के साथ ही स्कूल की ओर से अभिभावकों को केस वापस लेने के लिए किए गए फोन कॉल रिकॉर्डिंग और सेमेज को भी सौंपा जाएगा। जिसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।
जांच प्रभावित करने का आरोप गलत-
इस पूरे मामले पर स्कूल की प्रिंसिपल रेनू चतुर्वेदी का कहना है कि जांच पूरी होने तक मुझे जांच अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना किया है। कुछ अभिभावक ने जांच प्रभावित करने का आरोप मेरे ऊपर लगाया है। यदि मेरा जांच प्रभावित करने में कुछ भी रोल पाया जाता है तो कुछ भी सजा लिए तैयार हूं। मैं भी इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहती हूं। जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा।
Published on:
17 Jul 2018 11:57 am
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