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Reality check: सेल्फी को लेकर भड़के यूपी के टीचर, यह है सच्चाई

खबर की खास बातें: . गैर हाजिर रहने वाले टीचरों को लेकर लिया था फैसला . विरोध में उतरे यूपी के टीचर  

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नोएडा. तीन सेल्फी को लेकर टीचरों में रोष व्याप्त का मैसेज वायरल हो रहा है। मैसेज के मुताबिक, टीचरों ने यूपी सरकार पर सवाल खड़ा किया है। जिससे देखते हुए टीचरों ने आंदोलन करने की चेतावनी जारी की है। दरअसल यूपी सरकार ने गायब रहने वाले टीचरों को देखते हुए तीन सेल्फी का फैसला लिया था। यूपी सरकार ने 'प्रेरणा वेब पोर्टल' और 'प्रेरणा ऐप' लॉन्च किया था। टीचरों को तीन बार सेल्फी खींच कर इन पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे।

टीचरों का कहना है कि विधायक, मंत्री, डीएम, सांसद समेत ऊंचे पदों पर कार्यरत अन्य अधिनस्थ अधिकारी सेल्फी लेकर हाजिरी नहीं दे रहे हैं। यह नियम टीचरोंं पर लागू करने का मतलब नहीं होना चाहिए। दरअसल, गैर हाजिर रहने वाले टीचरों की शिकायत मिलने पर सरकार ने सुबह, दोपहर और छूट्टी के समय सेल्फी भेजना अनिवार्य किया था। टीचरों के गायब रहने की आए दिन शिकायत मिलने पर यह फैसला लिया गया था।

सरकार ने सेल्फी के जरिये टीचरों को उपस्थिति दर्ज कराने का फैसला लिया था। इन ऐप पर सेल्फी डालने के लिए कहा गया था। सुबह स्कूल के समय, दोपहर मिड डे मील और खिलाते हुए सेल्फी लेनी होगी। जबकि टीचरों का कहना है कि टीचरों का कहना है कि मानसिक रूप से उत्पीड़न करने के लिए यह नियम लाया गया है। टीचरों का कहना है कि सरकार उनपर बोझ बढ़ा रही है।

पत्रिका. काम की पड़ताल में यह वायरल सच निकला है। दरअसल, सेल्फी के विरोध में यूपी के टीचर सड़क पर आ गए है। वहीं, अफसरों का कहना है कि शिक्षा में सुधार की कोशिश की जा रही है। डीएम का कहना है कि स्कूल से मिलने वाली शिकायत के आधार पर सेल्फी का नियम लागू किया गया है।