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Exclusive: बेटे की मौत के बाद बुजुर्ग दंपति का सोसायटी में रहना हुआ मुश्किल, मदद को दर-दर की खा रहे ठोकर

Highlights: -एम.आर बंसल सेक्टर-50 स्थित सागर अपार्टमेंट में अपनी पत्नी के साथ रहते है -ये फ्लैट उनके बेटे के नाम पर रजिस्टर्ड है -आरोप है कि सोसायटी के रेजिटेंड वेलफेयर एसोसिएशन ने मानसिक शोषण शुरू कर दिया

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राहुल चौहान@Patrika.com

नोएडा। कहते हैं बच्चे मां-बाप का बुढ़ापे का सहारा बनते हैं। लेकिन, अगर ये सहारा ही दुनिया को अलविदा कह जाए तो ऐसे मां-बाप पर दुखों का पहाड़ टूट जाए। ऐसा ही कुछ हुआ 83 वर्षीय एम.आर बंसल के साथ। जिनका बेटा कनेडा में रहता था। जिसकी बीमारी के चलते उसकी मौत हो गई। बेटे ने ये सोचकर उनके लिए नोएडा में फ्लैट खरीदा था कि इसमें उसके बुजुर्ग माता-पिता आराम से रहेंगे। लेकिन, उसके देहांत के बाद बुजुर्ग दंपति का सोसायटी में रहना मुश्किल हो गया।

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दरअसल, एम.आर बंसल सेक्टर-50 स्थित सागर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर – 863, प्लॉट नंबर- एफ 8 में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। ये फ्लैट उनके बेटे के नाम पर रजिस्टर्ड है। आरोप है कि बेटे की मौत के बाद से सोसायटी के रेजिटेंड वेलफेयर एसोसिएशन ने उनका और उनकी पत्नी का मानसिक शोषण करना शुरू कर दिया है। सोसायटी में मिलने वाली उनकी सभी मूलभूत सुविधाएं रोक दी गईं, जबकि इस बाबत लिखित रूप से उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। आरोप है कि इसका विरोध करने पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर कई बार धमकी भी दी गई। साथ ही उन पर मेंटिनेंस के नाम पर 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से लेट पैनल्टी भी लगा दी गई, जबकि वह समय से मेंटिनेंस जमा कराते रहे हैं। जिसकी रसीद उनके पास है।

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पीड़ित का आरोप है कि इस सोसायटी में राज्य सरकार द्वारा निर्देशित यूपी अपार्टमेंट एक्ट लागू नहीं किया गया है और रेसिडेंट्स से मनमाने ढंग से मेंटिनेंस वसूला जाता है। इस बाबत उन्होंने क्षेत्रीय कार्यालय डिप्टी रजिस्ट्रार, फर्म्स, सोसाइटीज एंव चिट्स, मेरठ में शिकायत भी की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार ने सितंबर 2013 में पत्र जारी कर सोसायटी की एसोसिएशन को फटकार लगाई थी। वहीं इसका जवाब न देने पर उसी वर्ष अक्टूबर माह में दोबारा एसोसिएशन से जवाब मांग गया। जिसके जवाब में उनके द्वारा पीड़ित द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया गया।

कोर्ट के आदेश के आठ वर्ष बाद भी नहीं चुकाया पैसा

आरोप है कि बिल्डर द्वारा सोसायटी में कंप्लिशन देने के नाम पर दो बार पैसे लिए गए। जिसके खिलाफ उन्होंने गौतमबुद्ध नगर जिला कोर्ट के कंज्यूमर फोरम में उन्होंने 2013 में केस दायर किया था। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए वर्ष 2016 में बिल्डर को 75021 रुपये देने के निर्देश दिए थे। आरोप है कि कोर्ट के आदेश के करीब आठ वर्ष बाद भी बिल्डर द्वारा उन्हें ये पैसे नहीं चुकाए गए। वहीं इस बाबत जब बिल्डर एस.एल सागर से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। जबकि सोसायटी की एसोसिएशन के पदाधिकारी समीर बंसल ने पीड़ित द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा बताते हुए सभी नियमों का पालन होने की बात कही।