आरटीआई के जवाब के मुताबिक सबसे ज्यादा केरल में 101 केस पिछले दस वर्षों में सामने आए हैं। जिनमें 203 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद तमिलनाडु में 68 केस मिले और 163 गिरफ्तारियां हुईं। पश्चिम बंगाल में 67 मामलों में 105 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं कर्नाटक में 57 मामलों में 81 शिकारी गिरफ्तार हुए। इसके बाद नंबर आता है ओडिशा का जो शिकारियों को गिरफ्तार करने में काफी आगे रहा है। जहां 56 मामलों में 160 गिरफ़्तारी हुई। देश की राजधानी दिल्ली में 6 मामलों में 10 गिरफ्तारियां हुईं जबकि उत्तर प्रदेश में 22 मामलों में 15 गिरफ्तारियां हुईं।
यह भी देखें: मिर्ज़ापुर का टमाटर लंदन और ओमान में मचायेगा धूम रंजन तोमर ने बताया कि सबसे ज्यादा मामले जहां वर्ष 2010 में सामने आए हैं। इस वर्ष में 96 केस प्रकाश में आये। वहीं सबसे कम केस 2013 में रहे, जिसमें 33 केस सामने आये। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की एक मुख्य वजह है जानवरों का इस तरह होता शिकार है। हाथियों के अलावा अन्य जानवरों का भी लगातार शिकार हो रहा है। सरकार की तमाम कोशिशें शिकार रोकने में नाकामयाब साबित हो रही हैं। ऐसे में सरकारों को और कड़े कदम उठाने होंगे. जिनसे यह रुक सके।