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राजस्थानी एल्बम से साउथ की मलयालम फिल्म तक अपनी एक्टिंग का जादू बिखेर रही है बीकानेर की दीक्षा सुखाडिय़ा।
बचपन में फाइटर पाइलट बनने की इच्छा रखने वाली दीक्षा ने बताया कि दसवीं क्लास से उसने मॉडलिंग व एक्टिंग शुरू कर दी।
इसके बाद बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की। कॉलेज में मॉडलिंग व एक्टिंग का शौक लगा।
कॉलेज के दौरान ही उसे मलयालम मूवी का ऑफर आया। मॉडलिंग व एक्टिंग में अपना कॅरियर बनाने के लिए मुंबई चली गई।
मुंबई में कई महीनों तक ऑडिशन दिए। दीक्षा ने बताया कि उसने दलीपसिंह भाटी के साथ थियेटर सीखा।
कुछ राजस्थानी एलबमों के साथ फिल्म भी की। भाई-बहन में बड़ी दीक्षा का सपना है कि वह एक सुपर मॉडल व सक्सेसफुल एक्ट्रेस बनें।
दीक्षा के पिता प्रवीण कुमार सुखाडिय़ा प्रोफेसर हैं वहीं माता संगीता सुखाडिय़ा गृहिणी हैं। दीक्षा का एक छोटा भाई विक्की है।
बीकानेर के मुक्ताप्रसाद कॉलोनी की रहने वाली दीक्षा ने बताया कि वह मुंबई में अपने नाना के यहां है, लेकिन हर चीज का इंतजाम अकेले ही किया है।
राजस्थान के लोग नहीं चाहते है कि लड़कियां बाहर निकलें। एक्टिंग व मॉडलिंग के लिए सपोर्ट नहीं करते हैं।
इच्छाओं को दबाएं नहीं
दीक्षा ने बताया कि वे बीकानेर के लोगों से कहना चाहती हैं कि अपनी इच्छाओं को दबाएं नहींं। अगर इच्छाओं को दबाएंगे तो पीछे रह जाएंगे।
अगर तुम्हें कुछ बनना है तो खुद के अंदर दम रखों। जो करना है वो ही करो।
यहां किया काम
दीक्षा ने साउथ की मलयालम मूवी कैमल सफारी के साथ कई सीरियल व एड भी किए है। जिसमें जी टीवी के कुमकुम भाग्य, मेरी आशिकी तुमसे, फीयर एण्ड फायर, आहट, ड्रीम गर्ल आदि शामिल है।
वहीं 50 से 60 एड फिल्में की हैं। जिसमें एक लाइफ स्टाइल मैग्जीन में एड, सूरत व अहमदाबाद की साड़ी व ज्वैलरी में भी कई एड किए है।
वर्तमान में एक और साउथ मूवी साइन की है जिसकी शूटिंग अगस्त में शुरू होगी।
काबिलियत साबित करो
दीक्षा ने बताया कि वे मुंबई जाने के लिए दो साल से कोशिश कर रही थी। लेकिन उनकी मम्मी भेज नहीं रही थी। इसके बावजूद मुम्बई आई।
शुरुआती दिन संघर्ष भरे रहे। एक महीने बाद सीरियल 'कुमकुम भाग्य का' मिला, इसमें काम किया और टीवी पर आई तो मम्मी खुश थी। सभी दोस्त व पड़ोस के लोग खुश थे।
Published on:
18 Jul 2016 09:15 am
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