
नोएडा। उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट यानि जेवर एयरपोर्ट को लेकर आखिरकार लंबे इंतजार के बाद रास्ता साफ हो गया है। वहीं इस जेवर एयरपोर्ट के लिए एक कंपनी का भी गठन हो गया है। जिसे निआल (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड) नाम दिया गया है। इसके साथ ही इस कंपनी का रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी में रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। मंगलवार 25 सिंतबर 2018 को इस कंपनी की पहली बोर्ड बैठक लखनऊ में होनी है। इसी मीटिंग में कंपनी के अध्यक्ष की नियुक्ति, निदेशक मंडल के गठन व वित्तीय प्रारूप पर मुहर लगने की बात कही जा रही है।
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दरअसल, जेवर एयरपोर्ट को लेकर किसान और सरकार में मुआवजे को लेकर काफी मदभेद चल रहे थे। जिन्हें अब खत्म कर किसानों ने जमीन देने पर राजी हो गए हैं और इसके बाद अब जेवर एयरपोर्ट का रास्ता साफ हो चुका है। इसके साथ ही अब जेवर एयरपोर्ट के लिए कंपनी का गठन भी किया गया है। इस कंपनी की आज होने वाली मीटिंग की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। इस मीटिंग में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के सीईओ और नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख भी हिस्सा लेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इसके लिए पत्र आ चुका है और इसमें मीटिंग व कंपनी क जिक्र किया गया है।
बता दें कि इस कंपनी में चार सरकारी संस्थाएं शामिल हैं। वहीं कंपनी में चेयरमैन और 10 डायरेक्टर होंगे। बताया जा रहा है कि आज होने वाली इस मीटिंग में निआल के चेयरमैन की घोषणा की जा सकती है। इसके साथ ही कंपनी के 10 सदस्यीय निदेशक मंडल का भी ऐलान हो सकता है। इसके अलावा इस बोर्ड मीटिंग में कंपनी के वित्तीय प्रारूप पर भी चर्चा हो सकती है।
गौरतलब है कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए बनाई गई इस कंपनी में उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग की 37.5 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि नोएडा प्राधिकरण की 37.5 फीसदी और ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण की 12.5-12.5 फीसदी हिस्सेदारी है। अभी तक प्रदेश सरकार इसके निर्माण के लिए 1500 करोड़ रुपये दे चुकी है।
Published on:
25 Sept 2018 02:41 pm
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