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दरअसल में एयरपोर्ट के लिए जमीन देने के लिए किसान अभी तैयार नहीं है। किसान अधिक मुआवजे की मांग कर रहे है। इसके अलावा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कई गांव शिफ्ट किए जाने है। गांव को शिफ्ट करने को लेकर भी अभी किसान और शासन के बीच में तस्वीर साफ नहीं है। एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 1775 परिवारों को शिफ्ट किया जाना है। मुआवजा, परिवार के शिफ्टिंग, नौकरी आदि को लेकर अभी किसान और सरकार के बीच में बातचीत भी की जा रही है। उधर, किसान विकास भी मुद्दा उठा रहे है। किसानों का कहना है कि एयरपोर्ट के निर्माण से उनका विकास नहीं होगा। इसकी मुद्दे को लेकर जेवर के विधायक किसानों को इदिरा गांधी एयरपोर्ट घुमाने के लिए ले जाएंगे। किसानों को एयरपोर्ट के आस—पास विकसित एरिया को दिखाया जाएगा। ताकि जेवर एयरपोर्ट प्रभावित किसान भी जमीन देने को तैयार हो सके।अभी यह बनी है सहमति
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि लगभग 3105 प्रभावित किसानों ने 1052 हैक्टेयर जमीन की सहमति दी है। उन्होंने बताया कि किसानों की मांग को लगातार शासनस्तर पर रखा जा रहा है। साथ ही उन्हें उचित मुआवजा दिया जा सके। जेवर एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन जेवर एयरपोर्ट के प्रथम चरण के लिए प्रस्तावित है। इसमें से 116 हेक्टेयर जमीन जमीन सरकारी भूमि के तौर पर सरकार के पास है। इस हिसाब से लगभग 1218 हैक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। जिसमें से आज तक 1145 हैक्टेयर जमीन की सहमति आने के पश्चात अब तक 94 प्रतिशत जमीन के सहमति पत्र प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि किसान और भूमिहीनों को मिलाकर लगभग 3600 लोग एयरपोर्ट बनाये जाने के लिए अपनी सहमति अब तक प्रदान की है।
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