
बड़ी खबर: उत्तर प्रदेश की इस लोकसभा सीट से 15 साल बाद चुनाव लड़ेंगी मायावती!
नोएडा. यूपी की राजनीति में अहम भूमिका निभा चुकी BSP सुप्रीमो मायावती 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने का सकेंत दे चुकी है। 2004 में अकबरपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद में उन्हेांने अभी तक चुनाव नहीं लड़ा। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को करीब देखते हुए राजनैतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी है। साथ ही दिग्गज नेताओं ने खुद का चुनावी क्षेत्र फाइनल करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजित सिंह के मुजफ्फरनगर से लड़ने की चर्चाएं है तो सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल संभल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है।
खुद के चुनाव लड़ने से रख चुकी है दूरियां
मायावती ने 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी जा चुकी हैं।
लेकिन उसके बाद में 2009, 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मायावती खुद मैदान में न उतरकर चुनाव प्रचार की कमान संभालती रही हैं। लेकिन 2014 में लोकसभा और 2017 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए खुद मैदान में उतरने की तैयारी मायावती ने शुरू कर दी है। 2019 मे लोकसभा चुनाव लड़ने के सकेंत मायावती पहले ही दे चुकी है। मायावती 15 साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।
यहां से लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
सियासत के जानकारों की माने तो केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है। 2019 में भाजपा को रोकने के लिए मायावती और अखिलेश यादव जैसे यूपी के दो बड़े नेता एक साथ आने की उम्मीद है। अटकलें लगाई जा रही है कि दोनों एक साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। सवाल यह भी उठने लगा है कि अखिलेश के साथ गठबंधन में मायावती खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगी। 2004 में मायावती अकबरपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीती थीं। 2007 में मुख्यमंत्री बनने के बाद विधान परिषद की सदस्य बनीं और लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। बसपा का यह पुराना गढ़ है। लेकिन यह सीट समान्य हो गई।
अकबरपुर समान्य सीट होने के बाद में मायावती की नजर वेस्ट यूपी पर है। पश्चिमी यूपी में भी बसपा की स्थिति अच्छी रही है। यही वजह है कि कैराना और नूरपुर में उपचुनाव न लड़ने के बाद भी मायावती की नजर यहां के वोटों के रुझान पर थी। उन्होंने गोरखपुर और फूलपुर में सपा को समर्थन दिया। वहीं, कैराना और नूरपुर खुला समर्थन न कर यह जानने की कोशिश की कि दलित वोट किस तरफ ट्रांसफर होता है। भाजपा की हार से यह साफ हो गया कि दलित वोट काफी हद तक सपा को गया। माना जा रहा है कि भविष्य में दलित वोट बसपा को आसानी के साथ मिल सकता है। जिसकी वजह से मायावती बिजनौर से लोकसभा चुनाव लड़ने का विकल्प भी तलाश रही है।
दरअसल में वेस्ट यूपी दलित राजनीति का केंद्र रहा है। गौतम बुद्ध नगर से मायावती को उम्मीद है। गौतम बुद्ध नगर के बादलपुर गांव की मायावती रहने वाली है। बुलंदशहर से चुनाव लड़ने की चर्चाएं रही है। वहीं बुलंदशहर से सटे हुए आगरा व हाथरस तीन रिजर्व लोकसभा सीटें हैं। गौतम बुद्ध नगर मायावती का पैतृक जिला होने की वजह से मायावती गृहजनपद में भी संगठन को मजूबत करने में जुटी है।
Published on:
13 Nov 2018 08:52 am
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