script‘नया नोएडा’ बसाने को योगी सरकार ने दिखाई हरी झंडी, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 80 गावों का होगा अधिग्रहण | noida authority will develop 80 villages of greno and bulandshahr | Patrika News
नोएडा

‘नया नोएडा’ बसाने को योगी सरकार ने दिखाई हरी झंडी, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 80 गावों का होगा अधिग्रहण

Highlights:
-औद्योगिक विकास विभाग ने अधिसूचना जारी की
-ग्रेटर नोएडा 20 और बुलंदशहर के 60 गाँव को नोएडा में शामिल किया
-सात-आठ वर्षों में सभी गांवों में होगा विकास

नोएडाJan 30, 2021 / 10:16 am

Rahul Chauhan

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

नोएडा। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के 80 गांवों का विकास अब नोएडा प्राधिकरण करेगा। औद्योगिक विकास विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। ग्रेटर नोएडा के 20 और बुलंदशहर के 60 गाँवों को नोएडा में शामिल करने के बाद नोएडा का क्षेत्र ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर तक फैल गया है। वर्तमान समय में नोएडा प्राधिकरण का जो क्षेत्र है, उससे ये गांव मिले हुए नहीं हैं। बीच में ग्रेटर नोएडा का भाग है। बावजूद उक्त सभी क्षेत्र नोएडा के अंतर्गत आ गए है।
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इस बाबत औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 की इस योजना में नई रिहायशी व इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने का जिम्मा यूपीसीडा को सौंपा गया था, पर वह इसमें असफल रहा। नोएडा इस काम में सक्षम है। इसलिए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया। दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर तक 80 गांव हैं। इन गांवों को विकसित करने के लिए पहले ग्रेटर नोएडा को कहा गया था। फिर इसे यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीसीडा) को विकसित करना था, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद नोएडा से इस बारे में पूछा गया है, अब नोएडा ने सहमति दे दी थी।
नोएडा की तर्ज पर दादरी और बुलंदशहर के 80 गांवों का अधिग्रहण करके नया नोएडा विकसित किया जाएगा। यह शहर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यह आने वाले सात आठ वर्षों में निवेश, विकास, रिहाइश का बेहतरीन गंतव्य होगा। इस नए शहर को विकसित करने का मकसद प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देना है। इस शहर का हिस्सा रिहायशी और इंडस्ट्रियल टाउनशिप दोनों होंगी। जिसमें कम प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों और लॉजिस्टिक्स यूनिट को लगाया जाएगा।
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बता दें कि औद्योगिक महानगर नोएडा करीब 20 हज़ार हेक्टेयर भूमि पर बसा है। 1976 में न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) के अस्तित्व में आने के बाद इस क्षेत्र ने देश विदेश में अलग अपनी पहचान बनाई है। नोएडा की सफलता के बाद, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास क्षेत्र का गठन किया गया। नोएडा के अधिकार क्षेत्र को विकसित किया जा चुका है। मास्टर प्लान 2021 और 2031 के आधार पर समूची जमीन का अलग-अलग श्रेणी में समायोजन किया जा चुका है। जिसमें करीब 16 हज़ार का क्षेत्रफल शहरीकरण के क्षेत्र में आता है, 18 फ़ीसदी औद्योगिक, 37 फ़ीसदी आवासीय और अन्य संस्थागत वित्त और वाणिज्य उपयोग क्षेत्र में आता है। वर्तमान समय में नोएडा के पास जमीन की भारी कमी है। नोएडा करीब-करीब विकसित हो चुका है। अभी नोएडा की ओर से जमीनों को खरीदने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन यह आने वाले कुछ समय में खत्म हो जाएगी। यहां जमीन नहीं बचेगी। उस दौरान ये 80 गांव नोएडा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। यहां नोएडा के पास काफी काम होगा। साथ ही राजस्व का भी एक साधन मिल जाएगा।
https://youtu.be/7U9J9xLlfOg
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