
राजस्थान की सरकार में अभी जो मंत्री व विधायक बने हुए हैं उनमें भी अनेक ऐसे हैं जो बचपन में ही परणा दिए गए थे। अभी जो हमारे जनप्रतिनिधि बने हुए हैं उनका भी बाल विवाह हुआ था। उस समय किसी की उम्र 15 साल थी तो किसी की 17 या अठारह। सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुर से विधायक मानसिंह गुर्जर तो महज साढ़े छह साल के थे। यानि उनको उस समय तक शायद विवाह की परिभाषा भी पता नहीं थी। राजस्थान के 200 में से 71 से ज्यादा विधायक ऐसे हैं जिनका बाल विवाह हुआ था। कुछ ऐसे भी जिन्होंने दूसरी शादी कर ली तो अधिकांश जिंदगी भर साथ निभाने का वादा अभी भी पूरा कर रहे हैं।
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मंत्री भी शामिल
वर्तमान में देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवा, सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर, अजा आयोग के अध्यक्ष सुदंरलाल, सुरेन्द्र गोयल, संसदीय सचिव ओमप्रकाश हुड़ला सहित अनेक मंत्री भी शामिल हैं। केवल पुरूष विधायक ही बाल विवाह के बंधन में नहीं बंधे थे, बल्कि वर्तमान में महिला विधायकों की भी बचपन में ही शादी हो गई थी। राजगढ़/लक्ष्मणगढ़ की विधायक गोलमा देवी तो उस समय 11 साल और चार माह की थी। इसी प्रकार जोधपुर के सूरसागर से विधायक सूर्यकांता व्यास भी करीब 12 वर्ष की उम्र में परणा दी गई थी। बचपन में बाल विवाह होने वालों में भाजपा, कांग्रेस,राजपा, बसपा व निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं।
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किरोड़ी से बड़ी है गोलमा!
शादी के समय पूर्व मंत्री एवं राजगढ़/लक्ष्मणगढ़ विधायक गोलमा देवी की उम्र 11 साल चार माह थी, जबकि लालसोट विधायक एवं उनके पति डॉ किरोड़ी लाल मीणा की उम्र 9 साल 4 माह थी। यानि किरोड़ी करीब दो साल छोटे थे।
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कइयों ने जारी रखी पढ़ाई
कइयों ने बाल विवाह के बाद भी पढ़ाई जारी रखी। किसी ने बीए व एमए किया तो किसी ने एमबीबीएस की डिग्री भी ली।
शेखावाटी के 9 के करीब जनप्रतिनिधि शामिल
Published on:
29 Apr 2017 11:23 am
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