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जनता बोली, सरकार पूरी तरह खत्म कर दे सर्विस चार्ज

फिलहाल ग्राहक चाहे तो दे सकते हैं सर्विस चार्ज

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sandeep tomar

Jan 07, 2017

service charge

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नोएडा। होटल आैर रेस्तरा में बिल पर लिये जा रहे सर्विस चार्ज का लेकर लोग विरोध कर रहे हैं, तो वहीं केंद्र सरकार के आदेशों पर होटल मालिक असमंजस की स्थिती में है। उधर, कर्इ संगठन आैर ग्राहक होटल मालिकों पर बिल के साथ ही सर्विस चार्ज लेने का आरोप लगाते हुए विरोध कर रहे हैं। यहीं कारण है कि इन दिनों होटल या रेस्तरा में जाने वाले अधिकत्तर लोगों के झगड़े हो रहे हैं।

इस शिकायत पर आया फैसला

कुछ समय पहले ही उपभोक्ता मंत्रालय को शिकायत मिली थी कि कई होटल और रेस्तरा उपभोक्ताओं के बिल में पांच से 20 प्रतिशत का सर्विस चार्ज भी शामिल कर रहे हैं। जिसके बाद इसे बड़े ही तरीके से वसूला जा रहा है। लोगों के सर्विस चार्ज देने का विरोध करने पर होटल आैर रेस्तरा वाले झगड़ने लगते हैं। वहीं यह उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत यह कारोबार के नियमों का उल्लंघन है। एेसे में शिकायत मिलने पर उपभोक्ता मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वह इस बारे में होटल और रेस्तरा को सलाह दें।

यहां जाता है सर्विस चार्ज

सर्विस टैक्स और सर्विस चार्ज को लेकर अक्सर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। ज्यादातर लोग इसकी जानकारी न होने के चलते सर्विस टैक्स के साथ ही सर्विस चार्ज भी दे देते हैं। एेसे में आपको बता दें कि सर्विस टैक्स (सेवा कर) सरकार के खाते में जाता है, जबकि सर्विस चार्ज होटल मालिक के गल्ले में जाता है। मालूम हो कि यह प्रावधान पहले से ही था कि बिल में टैक्स के अलावा सर्विस चार्ज जुड़ा तो ग्राहक चाहें तो सर्विस चार्ज दें या नहीं, लेकिन होटलों और रेस्तरां ने सर्विस चार्ज देना भी जरूरी बना दिया था।

यह है होटल मालिकों की राय

एनर्इए के अध्यक्ष आैर आॅरेज पार्इ के मालिक विपिन मल्हन ने कहा सरकार का यह आदेश गलत है। सर्विस चार्ज ग्राहक के मन के पर आधारित करना भ्रम की स्थिती पैदा करना है। एेसे में या तो सरकार इसको पूर्ण रूप से जारी करें या फिर सर्विस चार्ज हटाने के आदेश दिये जाये।

रामा होटल के मालिक अमरजीत सिंह ने कहा कि जो सर्विस चार्ज हम लोग जोड़ते हैं। उसे हम लोग अपने पास नहीं बल्कि सर्विस देने वाले कुक, काम करने वाले होटल मैनेजमेंट के छात्र व अन्य काम करने वालों में इनसेंटीव के रूप में बांट देते हैं। सरकार का यह आदेश उन लोगों पर बुरा असर डालेगा। सरकार को उनके बारे में जरूर सोचना चाहिये था।

उधर, फोनरवा अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा कि कुछ रेस्तरा आैर होटल मालिक बिल में जबरदस्ती सर्विस चार्ज लगाकर लोगों के साथ लूट कर रहे हैं। एेसे में सरकारों का फैसला भी कहीं न कहीं उन्हीं के हक में है। इसे पूर्ण रूप से हटा देना चाहिये। सरकार के इस फैसले का हम विरोध करेंगे।