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कोर्ट ने आम्रपाली से पूछा कि फिनिशिंग के करीब पहुंच चुके फ्लैट्स को पूरा करने के लिए भी क्या कंपनी को पैसा चाहिए तो आम्रपाली की तरफ से कहा गया कि उन्हें कंपनी खुद ही पूरा कर सकती है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को निर्देश दिए हैं कि वह एक-एक टावर पूरा करके सुप्रीम कोर्ट को भी इनकी जानकारी दे और बकाया रकम ग्राहक सुप्रीम कोर्ट में जमा करेंगे जिसे टावर पूरा होने के बाद ही रिली़ज किया जाएगा। यह भी पढ़ें
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बैंकों को लगाई फटकार नेफोवा की महासचिव श्वेता भारती ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने नेफोवा और आम्रपाली के अन्य घर खरीदार की याचिका पर सुनवाई के दौरान बैंकों को भी जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने बताया कि बैंक एनसीएलटी के जरिए अपनी रकम की वसूली पर जोर दे रहे थे, जिसपर कोर्ट ने कहा कि पहले ग्राहकों के हितों को सुरक्षित करने की तरफ ध्यान दिया जाएगा और उन्हें घर दिलाना कोर्ट की प्राथमिकता है। बैंक इस मामले में स्वार्थी नहीं हो सकते कि उन्हें सिर्फ अपनी रकम की चिंता है और ग्राहकों के घरों से कोई सरोकार नहीं है। यह भी पढ़ें