
नोएडा. SC/ST Act के मसले पर सवर्णो ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सवर्णो की तरफ से केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ रविवार से राजघाट पर धरना-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। देशभर के कोने—कोने के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा से भी सवर्ण समाज के लोग हिस्सा ले रहे है। सवर्णो की माने तो केंद्र सरकार ने अभी तक SC/ST Act में बदलाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। वहीं बिल का विरोध करने वालों पर भाजपा सवर्णो पर कार्रवाई कर रही है।
दिल्ली में अनिश्चितकालीन धरना शुरू
अखिल भरतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय संयोजक युवा मोर्चा पंडित रविंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली के राजघाट पर रविवार से केंद्र सरकार के खिलाफ अनिश्चिकालीन धरना देना सवर्ण समाज के लोगों ने शुरू कर दिया है। इस प्रदर्शन में देशभर से क्षत्रिय, वैश्य, ब्राह्मण आदि समाज के लोग इक्टठा हो रहे है। प्रदर्शन में हरियाणा, यूपी, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार समेत देश के अन्य राज्यों से सवर्ण समाज के लोग शामिल हुए है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने सवर्ण समाज के साथ में एससी एसटी एक्ट को लेकर कुठारघात किया है। इसका खामियाजा केंद्र सरकार को लोकसभा चुनाव में उठाना होगा।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा चुनाव से पहले बिल को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो केद्र सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने बताया कि एक्ट को लेकर सवर्ण समाज के लोगों को घर—घर जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ जागरुक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार को सबक सिखाएगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि एक्ट का विरोध करने पर भी भाजपा तानाशाही कर रही है। उन्होंने कहा कि देवकीनंदन की गिरफ्तारी के मामले में भी लोगों को जागरुक किया जा रहा है।
यह है मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग मानकर नई गाइड लाइन जारी की थी। इसके मुताबिक एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज घटना में तुरंत मुकदमा दर्ज करने से मना किया गया था। साथ ही डीएसपी रैंक के अधिकारी से जांच की बात कहीं गई थी। दलितों को यह रास नहीं आया। दलितों ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया था। विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने बिल को वापस ले लिया था। वापस लिए गए बिल के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए है। सवर्ण समाज ने 6 सितंबर को भारत बंद किया था। उसके बाद भी केंद्र सरकार ने बिल को वापस नहीं लिया है। इसकी के विरोध में स्वर्ण समाज का आंदोलन जारी है।
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Published on:
16 Sept 2018 02:45 pm
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