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छोटा हरिद्वार का एक और सच: शव पानी में ऊपर नहीं आए, इसलिए नीचे पत्थरों में रस्सी से बांधते हैं पैर, उसके बाद करते हैं सौदा

हजारों रुपये में होता है नहर से शव निकालने का सौदा

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हजारों रुपये में होता है नहर से शव निकालने का सौदा

लोनी/नोएडा। केपी त्रिपाठी
गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित गंगनहर में नहाने आए जिन लोगों को गोताखोरों पर डुबोने का आरोप है, वही गोताखोर उनके शव को निकालने के लिए हजारों रुपये तक की वसूली भी करते हैं। हैरानी की बात यह है कि डूबे हुए व्यक्ति का शव ऊपर नहीं आए इसके लिए यही गोताखोर शवों को पानी के नीचे स्थित पत्थरों से बंधी रस्सी से बांध देते हैं। पैसे लेकर जब शव ढूंढऩे जाते हैं, तब रस्सी खोलकर शव को अपने साथ ले आते हैं। पीडि़त परिवारों का आरोप है कि पहले तो गोताखोर शव निकालने के नाम पर उनसे मनमाने रुपये मांगते हैं और नहीं देने पर मारपीट करते हैं। 'पत्रिका' से बातचीत में कुछ पीडि़त परिवारों ने बताया कि गोताखारों द्वारा वसूली जाने वाली यह रकम कई बार 50 हजार रुपये तक होती है। वहीं, एक पीडि़त दीपक ने बताया कि उसका भाई पिछले दिनों इसी नहर में डूब गया। जब उसका शव मिला तो वह रस्सी से बंधा हुआ था। इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी सवाल खड़े करती है। गाजियाबाद जिले के लोनी निवासी दीपक ने 'पत्रिका' से बातचीत में कहा कि उसका 27 वर्षीय भाई अरविंद गत 15 जून को छोटा हरिद्वार स्थित इसी नहर में नहाने गया था। नहाने के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी डूबने से मौत हो गई। इसके बाद जब उसने गोताखोरों से भाई के शव को निकालने की गुहार लगाई, तो गोताखारों ने यह कहकर इंकार कर दिया कि पहले पैसे दो तब शव निकालेंगे। जब हमने बताया कि इस समय हमारे पास सिर्फ एक हजार रुपये हैं तो उन्होंने हमसे वह रुपये ले लिए। कुछ देर उन्होंने शव को ढूंढ़ा, लेकिन यह कहकर वापस लौट गए कि शव नहीं मिल रहा। दीपक के अनुसार, न हमें पैसे मिले और न ही भाई का शव। तीन दिन बाद भाई का शव कुछ दूरी पूरी मिला, उसके पैर में रस्सी बंधी थी।

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बड़ा सवाल -
- बीते कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ कि गंगनहर के इस हिस्से में नहाने वालों लोग डूबने लगे, जबकि इनमें से कई पीडि़त परिजनों का कहना है कि डूबने वाला व्यक्ति अच्छा तैराक था।
- यहां डूबने से होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा, लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई। इसके विपरित जो रिपोर्ट दर्ज कराने जाते हैं, उन्हें डांट कर भगा दिया जाता है।
- ये गोताखोर कौन हैं और इनकी नियुक्ति किसके आदेश पर की गई है। यदि यह स्थान वाकई तीर्थस्थल है तो अब तक यहां अधिकृत गोताखारों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई।

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विधायक जता चुके हैं आपत्ति -
बता दें कि इस संबंध में गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ स्थानीय लोगों ने नहर के पास एक मंदिर बनाया और उसे छोटा हरिद्वार नाम से प्रचारित किया। इससे भ्रमित होकर कुछ श्रद्धालु वहां नहाने और अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए आते हैं। यही श्रद्धालु जब नहर में नहाने के लिए जाते हैं तो उसमें पहले से उतरे हुए गोताखोर कुछ खास लोगों को चिन्हित करते हैं और नहर में नहाते समय ही डूबो कर मार देते हैं। इसके बाद उनके शव को नीचे पत्थरों में बंधी रस्सी से बांध देते हैं, जिससे शव पानी के ऊपर नहीं आए। इसके बाद डूबे हुए व्यक्ति के परिजन जब गोताखोरों से शव निकालने की गुहार लगाते हैं तब यही गोताखोर उनसे हजारों रुपये की मांग करते हैं। 'पत्रिका' से बातचीत में उन्होंने छोटा हरिद्वार स्थित की पूरी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए, इस मंदिर को अवैध बताया और इसे तत्काल बंद करने की मांग की है।


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एसएसपी को गलत जानकारी किसने दी -
वहीं, गाजियाबाद के एसएसपी के वैभव कृष्ण ने बताया कि इस मामले में पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है, जबकि दीपक का कहना है कि जब वह पुलिस के पास अपने भाई अरविंद के डूबने की शिकायत लेकर पहुंचा तो उसे डांटकर भगा दिया गया।

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