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रविवार को शुभ काम में कभी न भूलें ये बातें

इस तिथि में जनेऊ को छोड़कर समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, विवाह, प्रतिष्ठा, वास्तु-गृहारम्भ, प्रवेश, यात्रा, वस्त्रालंकार संबंधी कार्य शुभ होते हैं।

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Super Admin

Jan 31, 2015

जयपुर। 1 फरवरी 2015 को रविवार, शुभ वि.सं.: 2071, संवत्सर नाम: प्लवंग, अयन: उत्तर, शाके: 1936, हिजरी: 1436, मु.मास: रवि-उलसानि-11, ऋ तु: शिशिर, मास: माघ और पक्ष: शुक्ल है।

इस दिन शुभ तिथि: त्रयोदशी जया संज्ञक तिथि रात्रि 12.44 तक, तदुपरान्त चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी।

कौनसे काम हैं शुभ
त्रयोदशी तिथि में जनेऊ को छोड़कर समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, विवाह, प्रतिष्ठा, वास्तु-गृहारम्भ, प्रवेश, यात्रा, वस्त्रालंकार और युद्ध संबंधी कार्य शुभ होते हैं।

चतुर्दशी तिथि में अग्निविष्ाादिक असद् कार्य, बन्धन और शस्त्रादि दूçष्ात कार्य सिद्ध होते हैं। शुभ कार्य कुछ भी नहीं करने चाहिए। चतुर्दशी तिथि में क्षौर व यात्रा वर्जित रखना चाहिए।

कैसे होते हैं इस दिन जन्मे जातक
त्रयोदशी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: धनवान, विद्यावान, पराक्रमी, परोपकारी, बुद्धिमान, योग्य, शस्त्रादि का ज्ञाता तथा राज-समाज में मान-सम्मान पाने वाला होता है।

नक्षत्र व कार्य विचार
नक्षत्र आर्द्रा तीक्ष्ण व ऊर्ध्वमुख संज्ञक नक्षत्र अपरा±न 3.53 तक, तदुपरान्त पुनर्वसु चर व तिर्यमुख" संज्ञक नक्षत्र रहेगा। आद्राü नक्षत्र में कलह, विवाद, बंधन, छेदन, मारण, उच्चाटन, अग्निविष्ाादिक असद् कार्य सिद्ध होते हैं। विद्यादि कार्य शुभ रहते हैं।

पुनर्वसु नक्षत्र में शान्ति, पुष्टता, यात्रा, अलंकार, घर, व्रतादि रखना, विद्यादि कार्य, सवारी और कृçष्ा संबंधी कार्य शुभ रहते हैं।

आद्राü नक्षत्र में जन्मा जातक नम्र स्वभाव वाला, बुद्धिमान, साहसी, तांत्रिक कार्यो में रूचि रखने वाला, क्रय-विक्रय में प्रवीण पर कुछ उग्र और कृतघ्न होता है। इनका भाग्योदय लगभग 25 वष्ाü के बाद ही होता है।

योग विचार
योग: विष्कुंभ नामक नैसर्गिक अशुभ योग रात्रि 1.13 तक, तदुपरान्त प्रीति नामक नैसर्गिक शुभ योग रहेगा।

विशिष्ट योग: अपरा±न 3.53 से दोष्ा समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग रहेगा।

करण: कौलव नामकरण पूर्वाह्न 11.58 तक, इसके बाद तैतिलादिकरण रहेंगे।

चंद्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि मिथुन राशि में रहेगा।

प्रमुख व्रत-उत्सव
रविवार को प्रदोष्ा व्रत, विश्वकर्मा जयंती, कल्पादि, गुरू हरिराय जयंती (प्राचीन मत से) मेला पावनधाम पंच खंडेश्वर पीठ विराटनगर (जयपुर-राज. में), डेजर्ट उत्सव मेला प्रारम्भ तीन दिन का जैसलमेर (राज.), ग्यारहवीं शरीफ (मु.) तथा मेला मस्तुआणां (पंजाब में)।

शुभ कार्यो के मुहूर्त
उक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार रविवार को आद्राü नक्षत्र में व्रतबंध का अशुद्ध मुहूर्त (तिथि त्याज्य) अतिआवश्यकता में है।

अन्य किसी शुभ व मंगलकृत्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं हैं।

ये काम देंगे कामयाबी
रविवार को स्थिर संज्ञक कार्य, पदारूढ़ होना, पद की शपथ लेना, ललित कला सीखना, राज्य सेवा, पशु क्रय, औष्ाध निर्माण, जड़ी-बूटी लाना, धातु कार्य और यज्ञादि-मंत्रोपदेश आदि कार्य शुभ माने गए हैं।

दिशाशूल
रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर रविवार को मिथुन राशि के चंद्रमा का वास पश्चिम दिशा में ही रहेगा।

जो पश्चिम की यात्रा में सम्मुख होगा। याद रखें, यात्रा में सम्मुख चंद्रमा धनलाभ कराने वाला व दाहिना चंद्रमा सुखप्रद माना गया है।