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मकरोनिया गोपेश्वर वार्ड संजीवनी नगर में आयोजित भागवत कथा में कथा वाचक कृष्णकांत शास्त्री ने कहा कि मित्रता सुदामा व श्रीकृष्ण जैसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मित्रता में धन का महत्व नहीं होना चाहिए, जो दुख में साथ दे वही मित्र है। आजकल के मित्र झूठ व फरेब का साथ देते हैं और एक दूसरे को धोखा देते हैं। सुदामा और भगवान श्रीकृष्ण की मित्रता जीवन का सर्वोच्च समर्पण सिखाती है। कथा में मुख्य यजमान रामकुमारी उमाशंकर तिवारी, रामप्रभु तिवारी, रविशंकर, रामशंकर, शिवकुमार, शिवनंदन, शिव प्रकाश, संतोष रूपकिशोर, वीरेन्द्र, सीताराम, बाबू, जागेश्वर सहित अन्य भक्त मौजूद रहे।
Updated on:
28 Apr 2025 05:14 pm
Published on:
28 Apr 2025 05:10 pm
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