समाचार

विकास की हकीकत: जिले के 242 गांवों में नहीं पक्की सड़क, बारिश में कैद हो जाते है ग्रामीण

-बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल -सरकार द्वारा पहली बार कराए गए संपर्कता सर्वे में हकीकत आई सामने

2 min read
Jul 09, 2025


पत्रिका एक्सक्लूसिव
आकाश तिवारी
दमोह. बारिश के दिनों में अक्सर देखा जाता है कि गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती है। इससे प्रसूताताओं को घाट पर रखकर एम्बुलेंस तक लाना पड़ता है। वहीं, कई मामलों में उपचार न मिलने से गांव में प्रसूताओं की मौत हो जाती है। असुरक्षित प्रसव के भी मामले अक्सर बरिश में ही देखने को मिलते हैं। यह स्थिति इस बारिश में भी बनने की आशंका है। पत्रिका ने अपनी पड़ताल में सड़क विहीन गांवों की जानकारी प्राप्त की है। जानकर हैरानी होगी कि जिले में सड़क विहीन गांवों की संख्या दो सैकड़ा से ज्यादा है। तेज बारिश होने पर इन गांवों का संपर्क शहर से टूट जाता है। ऐसे में डर है कि यदि इन गांवों में प्रसूताएं हैं और प्रसव नजदीक हैं, तो उन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचना मुश्किल हो सकती है।
-सर्वे में सामने आए चौकाने वाले आंकड़े
हालही में भारत सरकार ने संपर्कता अभियान के तहत जिले में एक सर्वे कराया था। यह सर्वे प्रधान मंत्री ग्राम सड़क विभाग ने किया था। इसमें जिले के २४२ गांव ऐसे मिले हैं, जहां सड़क नहीं बनी है। यह वे गांव हैं, जिनकी आबादी २५० से अधिक है। बताया जाता है कि सर्वे रिपोर्ट भेज दी गई है। बजट मिलने पर निर्माण शुरू होगा।
-इन गांवों में बारिश से बढ़ती है मुश्किलें
जानकारी के मुताबिक जबेरा ब्लॉक के जमनेरा, केवलारी, पटना दुर्ग, पटेरा ब्लॉक में पटना कुमारी, सुजाना, इमलिया उद्देशा, तेंदूखेड़ा ब्लॉक में गुबरहा, गुटरिया, डुकरसता, कामखेड़ा, दमोह ब्लॉक में
दमोह, अनुमंत डोगरी, सीसपुर पट्टी, खदानटोला, पथरिया ब्लॉक में बघिई माता, बंकटवारी, सुंदर नगरी हथना, चौपरा, बटियागढ़ ब्लॉक में सेमरा रामनगर, सोरई, सिंघपुर, हटा ब्लॉक में वर्धा, आदिवासी मोहल्ला आदि सहित २४२ गांव हैं।
-जिले के इन ब्लॉकों के गांवों में नहीं है सड़क
ब्लॉक गांव की संख्या
बटियागढ ३१
दमोह ४३
हटा २०
जबेरा ३१
पटेरा ३७
पथरिया २६
तेंदूखेड़ा ४३
-१५ स्कूलों में नहीं पहुंच पाएंगे छात्र
इस सर्वे में यह भी मालूम चला है कि १५ स्कूल ऐसे हैं, जिन तक नजदीक के गांव के छात्र-छात्राएं नहीं पहुंच पाएंगी। सड़क न होने के कारण बच्चे गांव में कैद रहेंगे। ऐसे में बारिश खत्म होने तक उनकी शिक्षा भी अधर में लटक सकती है।
यह बोले जिम्मेदार
सड़क विहीन गांवों में प्रसूताओं की लिस्टिंग करा ली गई है। उनका फॉलोअप लगातार लिया जा रहा है। प्रसव कराने की जिम्मेदार सौंपी गई है।

सुधीर कोचर, कलेक्टर

वर्शन

Published on:
09 Jul 2025 11:35 am
Also Read
View All

अगली खबर