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तीन माह के राशन वितरण सिस्टम में चावल गायब, सर्वर अलग धीमा, आम उपभोक्ताओं का बढ़ा सिरदर्द

जिले में एक साथ तीन माह का राशन वितरण करने का आदेश खुद प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। एक तो वितरण में चावल की आपूर्ति में बाधा आ रही है तो दूसरे उपभोक्ता राशन दुकानों में खड़े है।

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बालोद जिले के जिन राशन दुकानों से राशन खाद्य सामग्री वितरण होता है, वही सुरक्षित नहीं है। लाखों हितग्राहियों को सरकारी राशन वितरण करने वाली इन दुकानों में चोरी की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां से सरकारी राशन, चावल, शक्कर, नमक की चोरी हो चुकी है।

जिले में एक साथ तीन माह का राशन वितरण करने का आदेश खुद प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। एक तो वितरण में चावल की आपूर्ति में बाधा आ रही है तो दूसरे उपभोक्ता राशन दुकानों में खड़े है। कहीं एक माह का राशन आ पाया है तो दूसरे माह का रियायती अनाज बांटने को नहीं है। सर्वर न होने से एक उपभोक्ता को राशन वितरण में एक घंटे का समय लग रहा है।


पूरे जिले में 13.15 लाख उपभोक्ता है। इन्हें तीन माह जून, जुलाई और अगस्त एकमुश्त दिए जाने का आदेश राज्य शासन ने दिया है। अभी तक केवल 45 फीसदी ही राशन वितरण होने का दावा खाद्य आपूर्ति विभाग ने किया है। शेष 65 फीसदी हालात अच्छे नहीं बताए गए हैं। उदाहरण के लिए तामिया ब्लॉक स्थिति यह है कि तामिया में 56 दुकानें है। कारेआम रातेड़ और हर्राकछार को छोडकऱ 54 दुकानों में एक माह का राशन पहुंचा है। सर्वर की स्थिति यह है कि एक घंटे में मुश्किल से एक उपभोक्ता से तीन बार अंगूठे लगवाए जा रहे है। इसको लेकर राशन दुकानदार खुद तंग है। उन्होंने बताया कि तीन माह का राशन कैसे बांट पाएंगे, उनके सामने प्रश्न है। इसकी शिकायत कई बार कर चुके है।


चावल न मिलने की समस्या बरकरार

यहीं स्थिति हर्रई, जुन्नारदेव, बिछुआ, अमरवाड़ा जैसे ग्रामीण अंचलों की है। छिंदवाड़ा में भी राशन के हालात बिगड़े है। उपभोक्ताओं को राशन में चावल नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण अंचलों में जहां मिल रहा है, वहां की क्वालिटी खराब है। राशन दुकानों के फोन घनघना रहे हैं। जवाब मुश्किल से मिलता है।

राशन मुद्दे को कांग्रेस ने उठाया

इस राशन के मुद्दे को कांग्रेस ने उठाया। विशेषकर ग्रामीण अंचलों में उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी के लिए भाजपा सरकार को घेरा। नकुलनाथ ने टिप्पणी की कि एक मुश्त वितरण भाजपा सरकार को भारी पड़ रहा है। हालत यह है कि हर जगह है, शिकायत पर शिकायत हो रही है।


समस्या से जूझ रहे शहरवासी

सर्वर न मिलने की समस्या के कारण राशन वितरण में काफी देर लग रही है। गुलाबरा समेत अन्य इलाकों में राशन दुकानों में हाल यह है कि एक उपभोक्ता को तीन बार अंगूठा पीओएस मशीन में लगवाना पड़ रहा है। ये प्रक्रिया एक घंटे में पूरी हो पा रही है। इससे विक्रेता भी तंगहाल है।

इनका कहना

मुख्य रूप में चावल की समस्या जा रही है। सिवनी, मण्डला और बालाघाट से आपूर्ति की जा रही है। इस वजह से राशन लेट पहुंच रहा है। इसी तरह सर्वर की समस्या है। एक घंटे में एक उपभोक्ता को ही राशन मिल पा रहा है। ये मामला शासन के संज्ञान में लाया जाएगा।
-गंगा कुमरे, जिला आपूर्ति अधिकारी।