
आपकी बात, कर्ज की वजह से बढ़ते आत्महत्या के मामले कैसे रुक सकते हैं?
सामूहिक प्रयास आवश्यक
कर्ज के कारण आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए समाज में सामूहिक प्रयास आवश्यक हंै। सरकारें, सामाजिक संगठन और व्यापारिक संगठन मिलकर आर्थिक समस्याओं का समाधान करें। कर्जदारों की मदद की जाए।सरकारें वित्तीय मदद, ब्याज माफी जैसी नीतियां अपना सकती हैं। वित्तीय प्रबंधन से जुड़ी जागरूकता पैदा करने के प्रयास भी जरूरी हैं।
-सौरभ शुक्ला, जयपुर
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ब्याज दर कम हो
कर्ज एक ऐसा मकडज़ाल है जिसमें फंसने के बाद आदमी बड़ी मुश्किल से निकलता है। इसकी वजह है कर्ज की ऊंची ब्याज दर। वसूली एजेंट कर्ज लेने वाले को इतना परेशान करते हैं कि कई बार वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। सरकारी बैंक आम आदमी को कर्ज देने में आनाकानी करते हैं। लोगों को कागजी कार्रवाई में उलझाया जाता है। ब्याज पर ब्याज वसूली के कारण कर्ज चढ़ता जाता है। आम आदमी अपनी जरूरत और भुगतान क्षमता के अनुसार सरकारी बैंकों से सरल तरीके से कर्ज ले सके, ऐसे प्रावधान होना चाहिए और ब्याज दर भी कम होनी चाहिए।
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास ,मध्यप्रदेश
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फाइनेंसरों का मायाजाल
लोग क्षमता से अधिक कर्ज लेकर फाइनेंसरों के मायाजाल में फंस जाते हैं। कई बार वसूली के तकाजे के कारण अवसाद में जाकर आत्महत्या कदम भी उठा लेते हैं। बड़े सपने दिखा कर कर्ज में फंसाने वालों पर लगाम लगाई जाए।
-हुकुम सिंह पंवार, टोड़ी, इन्दौर
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चादर के अनुसार फैलाएं पैर
आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए जब और कोई विकल्प नहीं बचता है, तब कर्ज लेना पड़ता है। कर्ज चुकाने की असमर्थता के कारण कई बार आत्महत्या जैसे कदम उठाए जाते हैं। जितनी चादर है, उसी के अनुसार पैर फैलाए जाएं, तो आत्महत्या जैसे कदम उठाने की आवश्यकता नहीं पड़े।
-नरेश कानूनगो देवास मध्यप्रदेश
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ब्याज माफिया पर लगाम जरूरी
सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की आवश्यकता है, ताकि लोग अनावश्यक खर्च से बचें और कर्ज न लें। साथ ही ब्याज माफिया पर भी सरकार को शिकंजा कसना चाहिए।
-नरपत सिंह चौहान, जैतारण, पाली
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दी जाए ब्याज में छूट
कर्ज की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार कर्ज ले लेता है लेकिन आय में कमी या फिर किसी कारणवश कर्ज नहीं चुका पाता। इससे व्यक्ति डिप्रेशन में आ जाता है और फिर मौत को गले लगा लेता है। ब्याज में छूट देकर ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
-सरिता प्रसाद, पटना
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अपनों के साथ खुलकर बात कीजिए
आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है कि हम हमारे अपनों के साथ सहज रहें, जिससे हम अपनी बातें खुल कर उनके साथ साझा कर सकें। ऐसे में यदि रोने का दिल है तो खुल के रोइए बिना परवाह किए कि कौन देख रहा है, यह आपकी कमजोरी का संकेत नहीं है। कमजोरी का संकेत यह है कि आप अपनी परेशानियों से हार कर अपने जीवन को स्वयं ही समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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व्यक्ति सकारात्मक सोच रखे
कर्ज एक ऐसा दानव है जिसको कितना भी खिलाओ उसका पेट कभी नहीं भरता। कर्ज की वजह से आत्महत्या होने से रोकने के लिए लोगों को अपनी सकारात्मक सोच को विकसित करना होगा। अगर कर्ज चढ़ जाता है तो आत्महत्या करना उसका निवारण नहीं है। जिंदगी एक रणभूमि है। इसके लिए सकारात्मक सोच रखकर कड़ी मेहनत के साथ धीरे-धीरे करके कर्ज उतार सकते हैं। कर्ज में डूबे व्यक्ति को परिवार से खुलकर और ईमानदारी से बात करनी चाहिए जिससे उसकी समस्या का समाधान और सहयोग मिल सके।
-लहर सनाढ्य, उदयपुर
फिजूलखर्ची पर रोक लगाएं
हमारी जीवन शैली और पारिवारिक रीति रिवाज में फिजूलखर्ची को रोक कर कर्ज को न्यूनतम किया जा सकता है। साथ ही रोजगार के अवसर को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कर्ज से परेशान व्यक्ति को अवसाद की स्थिति में मनोचिकित्सक की मदद लेनी चाहिए।
-सत्तार खान कायमखानी, नागौर
Updated on:
13 Dec 2023 10:33 pm
Published on:
13 Dec 2023 06:11 pm
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