अब अगले 25 साल तो पर्यावरण की चिंता करें
Published: Aug 03, 2022 09:17:30 pm
- आजादी का अमृत महोत्सव
- महात्मा गांधी ने पहले ही आगाह कर दिया था औद्योगिकीकरण और भौतिकवाद के खतरों से


आजादी का अमृत महोत्सव,पर्यावरण संरक्षण सबसे बड़ी जरूरत आज के वक्त की,भारत में आय और संपत्ति की असमानता
शैलेंद्र यशवंत
पर्यावरणीय विषयों के स्तम्भकार और सामाजिक कार्यकर्ता
75 साल पहले, न केवल भारत ने अपनी आम जनता के लिए आजादी हासिल की, बल्कि लोभी औपनिवेशक शासकों के चंगुल से अपने जंगलों और जैव-विविधता को भी बचा सका। ब्रिटिश शासक पूरे भारत में बड़े पैमाने पर जंगलों को खत्म करने के लिए उत्तरदायी थे। दक्षिण में नीलगिरी के प्राचीन शोला वनों से लेकर हिमालय की तलहटी के जंगलों तक और इनके बीच में जंगलों की हर पट्टी को वे बंजर जमीन मानते थे। जिस भारतीय वन सेवा की वह विरासत छोड़ गए हैं, वह व्यवस्था केवल जंगलों के दोहन के नियामक के रूप में ही उभरी है, आवश्यक रूप से वनों के संरक्षण के लिए नहीं।