27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Patrika Opinion: परमाणु हथियार नहीं, वैक्सीन हो प्राथमिकता

सभी शक्तिशाली देशों को अपने सामरिक मुद्दों को किनारे कर दुनिया की भलाई के प्रति गंभीर रुख अख्तियार करना चाहिए। इस समय पूरी दुनिया को एक मंच पर आकर इस महामारी का मुकाबला करना होगा।

2 min read
Google source verification
certificate came without vaccine

स्लॉट बुक किया लेकिन टीका नहीं लगवाया फिर भी आ गया सर्टिफिकेट, बिना टीका लगवाए रिकार्ड में टीकाकरण की सूचना से छात्रा व परिजन हुए परेशान

दुनिया के 5 परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों ने साझा बयान जारी कर साफ कहा कि परमाणु युद्ध न तो जीता जा सकता है और न ही इसे लड़ा जाना चाहिए। हम पूरी शिद्दत से यह मानते हैं कि परमाणु हथियारों का प्रसार रोका जाए। परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों के बीच टकराव रोकना और रणनीतिक खतरे कम करना हमारी पहली प्राथमिकता है। यह बयान ऐसे समय आया है, जब यूक्रेन को लेकर रूस और अमरीका के बीच में टकराव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

साझा बयान जारी करने वाले देशों में अमरीका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और चीन शामिल हैं। परमाणु अप्रसार संधि की प्रस्तावित बैठक भले ही टल गई हो, लेकिन इस बयान के मतलब काफी गंभीर हैं। वह भी तब जब रूस और चीन के पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते लगातार तल्ख होते जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें - Patrika Opinion : नियोक्ताओं को खोलने होंगे रोजगार के दरवाजे

भारत और पाकिस्तान भी परमाणु शक्ति सम्पन्न देश हैं, लेकिन दोनों ने ही अभी तक परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं किए हैं। हालांकि भारत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पूरी तरह से स्पष्ट कर चुका है कि वह कभी भी पहले परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा। भारत की लगातार बढ़ती शक्ति भी दूसरे देशों को चौंकाने वाली है। दरअसल, भारत भी सामरिक तौर पर एक तरफ चीन और दूसरी तरफ पाकिस्तान से घिरा हुआ है।

दोनों ही देशों से हमारे रिश्ते लगातार तल्ख बने हुए हैं। ऐसे में चीन समेत 5 परमाणु संपन्न देशों की तरफ से आया यह साझा बयान भारत के लिए सुखद हो सकता है। आज के वक्त में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है, तब परमाणु युद्ध के बारे में सोचना भी बेवकूफी ही होगी। सबको पता है कि परमाणु हथियार सिर्फ विनाश को बढ़ावा देते हैं। इससे किसी का भला नहीं होने वाला है। मुश्किल यह है कि इसके अप्रसार की बात भी ये देश तभी कर रहे हैं, जब वे पूरी तरह से शक्ति सम्पन्न हो गए हैं।

यह भी पढ़ें - प्रकृति के साथ रवैया शांतिपूर्ण नहीं तो क्या बदलेगा?

दुनिया इस समय महामारी से जूझ रही है। ऐसे में सभी शक्तिशाली देशों को अपने सामरिक मुद्दों को किनारे कर दुनिया की भलाई के प्रति गंभीर रुख अख्तियार करना चाहिए। इस समय पूरी दुनिया को एक मंच पर आकर इस महामारी का मुकाबला करना होगा। भविष्य में भी इसके दुष्परिणामों से सभी देशों को दो-चार होना होगा।

इसलिए बेहतर तो है कि इस समय परमाणु शक्ति जैसे मुद्दों को दरकिनार कर कोरोना के खिलाफ जंग पर ध्यान दिया जाए। इसमें वैक्सीन ही बड़ा हथियार है। इसलिए दुनिया के सभी लोगों तक वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित करना ही प्राथमिकता होनी चाहिए।