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तेल की धार से सियासी धार तेज

निगहबान

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एक तीर से दो निशाने

एक तीर से दो निशाने

संदीप पुरोहित

रेतीले धोरों में तेल की धार से ज्यादा सियासत गरम रही। तिलक छापे टोपी दलित कार्ड के साथ पुलवामा शहीदों की पत्नियों के ईद-गिर्द सियासी पहिया तेजी से घूमा। पर शो स्टॉपर असदुद्दीन ओवैसी रहे। उनके जोधपुर-बाड़मेर दौरे पर इंटेलिजेंस से ज्यादा निगाहें राजनीतिक दलों की रही। उनकी सक्रियता से पश्चिमी राजस्थान से कुछ प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन सरदारपुरा से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ शायद ही किसी को मैदान में उतारें। ओवैसी जानते हैं कि पुराने क्षत्रपों को उखाड़े बिना नई बिसात नहीं बिछ सकती। पर बाड़मेर में हमले की धार तेज रखी। शिव विधानसभा के गागरिया में कांग्रेस के 6 बार के विधायक अमीन खान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने अपनी यात्रा में मुस्लिम समुदाय को परिपक्व राजनीतिक नेतृत्व तैयार करने की सलाह देते हुए गुर्जरों, जाटों और राजपूतों से सीखने को कहा। औवेसी ने केंद्र सरकार को अल्पसंख्यकों का बजट कम करने पर और राज्य सरकार को जुनैद व नासिर के परिवार को कम सहायता राशि देने पर आड़े हाथ लिया। वहीं मारवाड़ में खोई सियासी जमीन को मजबूत कर रहे राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह जसोल ने पुलवामा के शहीदों की वीरांगनाओं के बहाने नया सियासी तीर चलाकर केंद्र सरकार को लपेटा। जोधपुर में उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय चाहे तो शहीद के किसी भी परिजन को नौकरी दे सकता है। जसोल ने इस मामले में कुछ लोगों पर राजनीति करने का आरोप लगाया, तो पूर्व सैनिकों के आरक्षण पर रिपोर्ट एक सप्ताह में सरकार को सौंप देने की बात भी कही। पिछली बार नागौर में विवादित बयान देकर चर्चा में रहे भाजपा राष्ट्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओमप्रकाश माथुर अब नपे तुले ही बोले। मुख्यमंत्री को लेकर कहा कि समय पर तय होगा, भाजपा हर सीट पर जिताऊ को ही उम्मीदवार बनाएगी। कांग्रेस के नेता तो नागौर में सक्रिय नजर नहीं आए पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि नागौर जिले में भाजपा ने मैदान छोड़ रखा है और सरकार के विधायक जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ऐसे में चुनाव में आरएलपी हिसाब करेगी। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं मारवाड़ में सियासी धार तेज हो रही है।