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Ramkrishn Paramhans Jayanti 2023: स्वामी विवेकानंद के तर्क बुद्धि को संत रामकृष्ण ने कैसे भक्ति से जोड़ा, जानें हर सवाल का जवाब

आज फाल्गुन शुक्ल द्वितीया यानी संत संत रामकृष्ण परमहंस की जयंती (Ramkrishna Paramhans Jayanti 2023) है। एक ऐसे संत की जयंती जो ज्ञान का भंडार हो, जिन्होंने परम तत्व को महसूस किया। कई सिद्धियों के बाद भी सिद्धियों के पार पहंच जाने वाले, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद जैसा शिष्य तैयार किया। ऐसे संत की जयंती पर आइये जानते हैं ऐसे कुछ सवाल जिसका जवाब पाने के बाद स्वामी विवेकानंद की तार्किक बुद्धि भक्ति की ओर अग्रसर हुई।

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Pravin Pandey

Feb 21, 2023

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संत रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद के सवालों (Swami Vivekananda question) के जो जवाब दिए वो आज के लिए भी जीवन मंत्र हैं। ये जवाब आज की युवा पीढ़ी को भी राह दिखाते हैं। आइये जानते हैं स्वामी विवेकानंद के सवालों का संत रामकृष्ण ने क्या दिया था जवाब।


स्वामी विवेकानंदः आज जीवन इतना जटिल क्यों हो गया है?
संत रामकृष्णः जीवन का विश्लेषण करना बंद कर दो यह जीवन को जटिल बना देता है। जीवन को सिर्फ जियो।

स्वामी विवेकानंदः अच्छे लोग हमेशा दुख क्यों पाते हैं ?
संत रामकृष्ण परमहंसः सोने को शुद्ध होने के लिए आग में तपना पड़ता है। हीरा रगड़े जाने से चमकता है। अच्छे लोग दुख नहीं पाते, बल्कि परीक्षाओं से गुजरते हैं। इस अनुभव से उनका जीवन बेहतर होता है, बेकार नहीं होता।

स्वामी विवेकानंदः क्या आपका मतलब है कि ऐसा अनुभव उपोगी होता है?
संत रामकृष्णः हां, हर तरह से अनुभव कठोर शिक्षक की तरह होता है। पहले वह परीक्षा लेता है, फिर सीख देता है।

स्वामी विवेकानंदः समस्याओं से घिरे रहने के कारण हम जान ही नहीं पाते कि हम किधर जा रहे हैं?
संत रामकृष्णः यदि तुम अपने बाहर झांकोगे तो जान नहीं पाओगे कि किधर जा रहे हो, अपने भीतर झांको। आंखें दृष्टि देती हैं, हृदय राह दिखाता है।

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स्वामी विवेकानंदः कठिन समय में कोई अपना उत्साह कैसे बनाए रख सकता है?
संत रामकृष्ण परमहंसः हमेशा इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि अभी तक तुम कितना चल पाए, बजाय इसके कि अभी और कितना चलना बाकी है। जो कुछ पाया है, हमेशा उसे गिनो, जो हासिल नहीं हो सको उसे नहीं।

स्वामी विवेकानंदः मैं अपने जीवन से सर्वोत्तम कैसे हासिल कर सकता हूं?
संत रामकृष्णः बिना किसी अफसोस के अपने अतीत का सामना करो, आत्मविश्वास के साथ वर्तमान को संभालो। निडर होकर भविष्य की तैयारी करो।

स्वामी विवेकानंदः कभी-कभी मुझे लगता है कि मेरी प्रार्थनाएं बेकार जा रहीं हैं?
संत रामकृष्णः कोई भी प्रार्थना बेकार नहीं जाती, अपनी आस्था बनाए रखो और डर को दूर रखो। जीवन एक रहस्य है, जिसे तुम्हें खोजना है। यह कोई समस्या नहीं, जिसका तुम्हें समाधान करना है। मेरा भरोसा करो कि यदि तुम जान गए कि कैसे जीना है तो जीवन सचमुच बेहद आश्चर्यजनक है।