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Patrika Opinion: परीक्षाओं में तलाशी के शर्मसार करते तरीके

परीक्षा के दिन नेटबंदी तो आम है। पर जांच के नाम पर निर्लज्जता प्रदर्शित करती परीक्षार्थियों की तलाशी तो कभी पहने हुए वस्त्र और गहनों को उतारने के कृत्य बताते हैं कि परीक्षाओं की गोपनीयता बनाए रखने के ठोस प्रयास होते ही नहीं।

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May 12, 2023
Patrika Opinion: परीक्षाओं में तलाशी के शर्मसार करते तरीके

तकनीक के दौर में आज हर क्षेत्र में नवाचार होने लगे हैं। पुराने तौर-तरीकों के बजाय वैज्ञानिक आधार पर तकनीक का इस्तेमाल भी किया जाने लगा है। लेकिन विभिन्न स्तर की परीक्षाएं आयोजन कराने वाली संस्थाएं आज भी परीक्षा में नकल की रोकथाम के नाम पर ऐसे तरीके अपना रही हैं जो अपमानजनक व परीक्षार्थियों को शर्मसार करने के लिए काफी हैं। ताजा मामला देश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली गई राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) का है जहां परीक्षा केन्द्र में प्रवेश से पहले बालक-बालिकाओं को मजबूर किया गया कि वे जो कपड़े पहने हैं उन्हें बदलें। यहां तक कि अंत:वस्त्र तक उतारने को कहा गया।

नीट की परीक्षा में बैठने वालों ने परीक्षा केन्द्रों पर उनके साथ हुए शर्मसार करने वाले इस बर्ताव को सोशल मीडिया पर साझा भी किया है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ के केन्द्रों से परीक्षार्थियों को कपड़े बदलने के लिए मजबूर करने की घटनाएं सामने आई हैं। चाहे नीट हो या फिर इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए जेईई, या फिर नौकरियों में भर्ती की कोई अन्य परीक्षा। परीक्षा एजेंसियों के पास नकल रोकने के नाम पर बेतुके हथियार ही होते हैं। परीक्षा के दिन नेटबंदी तो आम है। पर जांच के नाम पर निर्लज्जता प्रदर्शित करती परीक्षार्थियों की तलाशी तो कभी पहने हुए वस्त्र और गहनों को उतारने के कृत्य बताते हैं कि परीक्षाओं की गोपनीयता बनाए रखने के ठोस प्रयास होते ही नहीं।

रहा सवाल परीक्षा केन्द्रों में प्रवेश से पूर्व तलाशी का, तकनीक के आज के दौर में ऐसी-ऐसी डिवाइस विकसित हो चुकी हैं कि कपड़ों की तलाशी लिए बगैर निगरानी बहुत सटीक और सूक्ष्म तरीके से संभव है। हर बार परीक्षाओं में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। पर कोई भी परीक्षा के लिए तैयार बालक-बालिकाओं की ऐसी तलाशी के बाद होने वाली मनोस्थिति का अंदाजा लगाने को तैयार नहीं। परीक्षा से तुरंत पहले जब विद्यार्थी को सबसे ज्यादा शांतचित्त रहने की जरूरत होती है तब क्या ऐसा शर्मनाक बर्ताव उसे परीक्षा के लिए अनुकूल माहौल देगा?

जाहिर है कि परीक्षा के तत्काल पहले किसी को वेशभूषा, गहने आदि पर आपत्ति करते हुए तत्काल बदलने को कहा जाए तो उसे घबराहट व तनाव आसानी से घेर लेगा। आखिर अपमानजनक तरीकों का इस्तेमाल करने वालों को दंडित करने के साथ एजेंसियां ऐसे उपाय क्यों नहीं करती, ताकि ऐसे हालात बनने की नौबत न आए? एक और बड़ा सवाल यह कि परीक्षार्थियों को जांच के ऐसे अवैज्ञानिक तरीकों के हवाले कब तक छोड़ा जाएगा?

Published on:
12 May 2023 11:11 pm
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