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ट्रैवलॉग अपनी दुनिया : अद्वितीय और अद्भुत मंदिरों की भूमि है वृंदावन

पौराणिक स्थल होने के कारण इस जगह का इतिहास भी काफी खूबसूरत और समृद्ध है। पौराणिक मान्यता है कि वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बचपन के दिन बिताए थे।

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ट्रैवलॉग अपनी दुनिया : अद्वितीय और अद्भुत मंदिरों की भूमि है वृंदावन

ट्रैवलॉग अपनी दुनिया : अद्वितीय और अद्भुत मंदिरों की भूमि है वृंदावन

संजय शेफर्ड , (ट्रैवल ब्लॉगर)

मथुरा का जब भी जिक्र होता है मेरी आंखों के पर्दे पर भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का दृश्य अनायास ही उभर आता है। इस बार भी यही हुआ। फिर क्या था कि दिल्ली से ट्रेन पकड़कर मथुरा पहुंचा और फिर वृंदावन। पौराणिक मान्यता है कि इस जगह पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बचपन के दिन बिताए थे। इसकी वजह से इस सम्पूर्ण क्षेत्र को ब्रज भूमि कहा जाता है। आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित इस जगह पर पहुंचने के लिए कोई सीधी सुविधा तो नहीं है, बावजूद इसके यह देश के कई प्रमुख मार्गों से जुड़ा हुआ है और यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। राधा और श्री कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित यह जगह एक तरह से मंदिरों की भूमि है। इस जगह पर छोटे और बड़े हजारों मंदिर स्थित हैं और यहां पूरे साल पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में अगर मौका कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का हो तो पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा बढ़ जाती है।

पौराणिक स्थल होने के कारण इस जगह का इतिहास भी काफी खूबसूरत और समृद्ध है। ऐसा माना जाता है कि वल्लभाचार्य 11 वर्ष की उम्र में वृंदावन आए थे। वे इस जगह के महत्त्व को रेखांकित करने के लिए देश भर में नंगे पांव घूमेे और प्रचार करते रहे। इससे इस जगह की धार्मिक स्थापना में विशिष्ट भूमिका रही।

इस जगह से चैतन्य महाप्रभु का भी जुड़ाव रहा है। यहां मीराबाई और उनके कृष्ण प्रेम का भी जिक्र होता है। मीरा काफी समय तक प्रभु की भक्ति में लीन रहने के पश्चात मेवाड़ छोड़ कर वृंदावन आ गई थीं। इसी तरह सूरदास और स्वामी हरिदास के नाम भी वृंदावन से जुड़े हुए हैं। मैं बांके बिहारी मंदिर गया। यह राजस्थानी शैली में बना मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है तथा देश के प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। इसमें भगवान श्री कृष्ण की छवि एक बच्चे के रूप में दिखाई देती है। इसी तरह प्रेम मंदिर अपने स्थापत्य और सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर राधा-कृष्ण और सीता-राम को समर्पित है।

वृंदावन स्थित इस्कॉन मंदिर को श्री कृष्ण-बलराम मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। मेरी इच्छा श्री राधा रमण मंदिर, गोपेश्वर महादेव मंदिर वृंदावन, शाहजी मंदिर, श्री रघुनाथ मंदिर और कात्यायनी शक्तिपीठ देखने की भी थी, लेकिन समय के अभाव के चलते नहीं जा पाया। अगर आपके पास समय हो तो जरूर जाएं। इसके अलावा वृंदावन में श्री राधा दामोदर मंदिर, मदन मोहन मंदिर, पागल बाबा मंदिर, कुसुम सरोवर, बरसाना, सेवा कुंज, केसी घाट, जयपुर मंदिर, यमुना नदी, श्री वृंदा कुंड आदि स्थान देखे जा सकते हैं। वृंदावन में सैकड़ों आश्रम और कई गोशालाएं भी हैं।