
छोटे दल बनाते हैं दबाव
गठबंधन सरकार में छोटे-छोटे संख्या बल वाले दल अपने निजी स्वार्थ के अनुसार बड़ी पार्टी पर दबाव बनाते हैं। इससे जन कल्याण की योजनाएं व उनके क्रियान्वयन में दिक्कत आती है। दूसरा, छोटे सहयोगी दल सरकार में बड़े मंत्री पद या विभाग की मांग रखते हैं । इससे योग्य के बजाय अयोग्य व्यक्ति को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल जाता है।
— दिव्या कुमारी, दिल्ली
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विनम्र नेतृत्व अनिवार्य
स्पष्ट बहुमत वाली सरकार में सरकार की तानाशाही की संभावनाएं रहती हैं। वे विपक्ष को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़तीं। उन्हें किसी भी तरह का कोई भय नहीं होता। लेकिन गठबंधन सरकार में छोटे सहयोगी दलों का सहयोग लेना जरूरी होता है। सत्ताधारी दल का नेतृत्व विनम्र होना जरूरी है। बडी पार्टी को समस्त घटक दलों की मांगों को संतुष्ट करना व उनसे सहयोग लेना मुश्किल हो जाता है। मांगों को पूरा न करने पर उनसे छिटकने का भय भी हमेशा सताता रहता है।
— मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ
प्रमुख दल को अपनी नीतियों के कार्यान्वयन में कठिनाई
गठबंधन सरकार को चलाने में सबसे बड़ी समस्या प्रमुख दल को गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों के रुख को साधने की आती है। गठबंधन सरकारों का ज्यादातर कार्यकाल खींचतान में व्यतीत होता है। प्रमुख दल अपनी नीतियों को पूरी तरह से लागू करने में असहाय सा नजर आता है।
— ललित महालकरी, इंदौर
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स्वार्थ की राजनीति बलवती
गठबंधन की सरकारें चलाने में मुख्य समस्या भागीदार छोटे दलों की अनुचित मांगे ओर धमकियों को लेकर होती हैं। इससे सरकार गिराने का खेल होता है और स्वार्थ की राजनीति के आगे जनकल्याणकारी और सुधारात्मक योजनाओं पर पानी फिर जाता है।
— हरिप्रसाद चौरसिया, देवास ,मध्यप्रदेश
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समझौते करना मजबूरी
गठबंधन साझा खेती होती है। छोटे दल भारी पड़ते हैं। सरे आम सौदेबाजी होती है। अनिश्चितता की सरकार चलती है। समझौते करना मजबूरी बन जाती है । भीतर की बातें बाहर आती हैं। स्वतंत्र निर्णय लेना मुश्किल होता है। रूठना मनाना चलता रहता है।
— विवेक रंजन श्रीवास्तव, भोपाल
आपसी समन्वय जरूरी
गठबंधन सरकारों और घटक दलों के बीच आपसी समन्वय जरूरी है। इसमें समस्या तब आती है, जब घटक दल अपने संकीर्ण लाभ के लिए व्यक्तिगत स्वार्थसिद्धि, क्षेत्रीय नीतियों की अनुचित मांगें मनवाने के लिए सौदेबाजी करते हैं।
— प्रकाश भगत, कुचामन सिटी, नागौर
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विचारों व नीतियों में मतैक्यता का अभाव
गठबंधन सरकार चलाने में सबसे बड़ी समस्या गठबंधन दलों के विचारों व नीतियों में मतैक्यता का अभाव का होना है। हरेक की नीतियों व विचारों में भिन्नता होना बाधक बनता है।
— शिवजी लाल मीना, जयपुर
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राजनीतिक अस्थिरता
गठबंधन की राजनीति का सबसे बड़ा नुकसान राजनीतिक अस्थिरता का होना है। सभी राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी विचारधारा होती है, गठबंधन समझौता होता है जो तभी तक चलता है जब तक विचारधारा का समन्वय बना रहता है। कोई भी राजनीतिक दल स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पाता है। स्वस्थ राजनीति के लिए चुनावपूर्व किए गए गठबंधन को ही मान्यता देनी चाहिए।
— आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर
Published on:
06 Jun 2024 02:58 pm
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