
आपकी बात, किसानों की स्थिति में सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए?
ठोस कदम उठाने की आवश्यकता
देश की 60 प्रतिशत आबादी खेती करती है। उसकी स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने आवश्यक हैं। सिंचाई की उचित व्यवस्था की जाए। इसके लिए फार्म पौंड, डिग्गी-फव्वारा, जल हौज, स्प्रिंकलर, बूंद-बूंद सिंचाई तक पहुंच सुनिश्चित करवाने पर ध्यान दिया जाए। निशुल्क बीज उपलब्ध कराए जाएं। फसल बीमा के साथ उपज की उचित कीमत मिलें। उपज के लिए निकट ही मंडी, फूड पार्क, प्रसंस्करण यूनिट को व्यवस्था हो। भंडारण एवं कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था हो। ग्रीनहाउस और शेडनेट पर सब्सिडी एवं उचित एमएसपी किसानों को मिले। -डॉ. राजीव कुमार, जयपुर
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उन्नत खेती पर ध्यान दें किसान
भारत कृषि प्रधान देश है। ऐसे में किसानों की हालत को सुधारने के लिए गंभीरता से सोचना जरूरी है। यह तभी संभव होगा, जब राजनेता किसानों को सिर्फ वोट बैंक समझना बंद करेंगे। चुनावी साल में किसानों को कर्ज माफी का झुनझुना पकड़ाकर वोट ले लिए जाते हैं। बाद में न तो कर्ज माफी होती और न ही किसानों के लिए कोई ठोस योजना ही तैयार होती। वैसे भी कर्ज माफी कोई स्थायी समाधान नहीं है। लेकिन कर्ज के बोझ में दबे ज्यादातर किसान राजनेताओं के झांसे में आ ही जाते हैं। किसानों को 'उन्नत खेती' के बारे में ज्यादा पता नहीं है। जब किसान तकनीक की मदद से खेती करता है तो उसे कई गुना ज्यादा फायदा होता है। - अणदाराम बिश्नोई, जयपुर
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परंपरागत खेती को मिले प्रोत्साहन
किसानों की स्थिति में सुधार के लिए परंपरागत खेती को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। साथ ही पशुपालन, डेयरी , स्थानीय उत्पादन के लिए भी सहज एवं सरल प्रक्रियाओं के तहत आर्थिक अनुदान दिया जाना चाहिए। किसानों की खेती को बढ़ावा देने के लिए खाद बीज एवं सिंचाई सुविधाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। ग्रामीण स्तर पर स्थानीय उपज के सम्मानजनक मूल्य का निर्धारण कर सरकार को उसकी खरीद करनी चाहिए। सतीश उपाध्याय मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़
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उपज का सही दाम मिले
किसानों की उपज का सही मूल्य तय करना चाहिए । कम दाम पर बीज, समय पर खाद की उपलब्धता के साथ फसल बीमा की राशि का शीघ्र भुगतान होना चाहिए, ताकि किसानों को कर्ज के जाल में ना फंसना पड़े। सरकारी योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीण क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाती है। -बंटी पंवार, टोडी ,इंदौर
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सिंचाई पर दिया जाए ध्यान
भारत कृषि प्रधान देश है, जब तक किसानों की स्थिति नहीं सुधरेगी, तब तक भारत देश कभी भी विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता है। जब तक किसानी खेती को बढ़ावा देने वाली योंजनाएं नहीं बनेंगी भारत में कृषि का अपेक्षित विकास नहीं होगा। सिंचाई की व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। -एन. एल. चौधरी, चित्तौडगढ़
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किसानों की आय दुगुनी की जाए
किसानों की स्थिति में सुधार के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सहित उनकी आय दोगुनी करने के उपाय करना आवश्यक है। अमित दीवान भोपाल
सही नीतियों की जरूरतसबसे पहली जरूरत इस तरह की नीतियां बनाने की है जिनसे खेती से होने वाली आमदनी में इजाफा हो। इसके लिए फसलों की कीमत तय करने, उनका विपणन करने और खाद्यान्न खरीद के मामले में सही नीति बननी चाहिए।तरुणा साहू, राजनांदगांव छत्तीसगढ़
Published on:
24 Aug 2023 04:24 pm
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