21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नक्सल समस्या अब भी खत्म क्यों नहीं हो पा रही?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

2 min read
Google source verification

image

Patrika Desk

Apr 27, 2023

नक्सल समस्या अब भी खत्म क्यों नहीं हो पा रही?

नक्सल समस्या अब भी खत्म क्यों नहीं हो पा रही?

नक्सलवाद का खात्मा जरूरी
आखिर कब तक नक्सलवाद का दंश देश को रह-रह कर चुभता रहेगा? सरकारें बदल गईं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। ऐसा नहीं है कि इस जहरीले नाग के फन को कुचलने की कोशिशें नहीं हुईं, लेकिन बार-बार यह अपने अस्तित्व का अहसास करा देता है। समय की मांग है कि अब इसका पूर्णरूपेण नाश हो। नक्सलवाद वर्तमान भारत की ज्वलंत समस्याओं में से एक है। नक्सलियों का हिंसक रूप देश के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। समय-समय पर ये आतंकी एवं खूनी घटनाओं को अंजाम देते रहते हंै, जिससे लोगों में उनका भय बना रहे। नक्सलवाद के खात्मे के लिए युद्धस्तर पर सेना को अभियान चलाना चाहिए। उनके हथियारों के स्रोतों की पहचान कर और उनकी आपूर्ति रोककर कुछ हद तक इन्हें काबू में किया जा सकता है। लाल आतंकवाद के नाम से कुख्यात नक्सलवाद का दीमक देश को भीतर से खोखला कर रहा है। इस समस्या के समुचित और स्थायी समाधान के लिए सरकार भी तत्पर और दृढ़ संकल्पित हो, तथा प्राथमिकता से इसे समूल नष्ट करे।
-मोहित सोनी, कुक्षी, मध्यप्रदेश

..............
राजनीति ने उलझाया
नक्सलवाद की समस्या भुखमरी, बेरोजगारी और अशिक्षा के कारण उपजी थी, किंतु अब इस समस्या ने एक नया रूप ले लिया है। सामाजिक और आर्थिक समस्या के साथ अब यह एक राजनीतिक समस्या भी बन चुकी है। जहां राजनीति का दखल होता है, वहां कोई भी समस्या हो सुलझने के स्थान पर विकराल रूप ले लेती है।

रक्षा पंड्या, भोपाल
..............

सरकारी तंत्र की लापरवाही
हमारे देश में नक्सल समस्या अब भी बनी हुई है। उसे खत्म करना अब भी बहुत मुश्किल हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण सरकारी तंत्र की लापरवाही एवं सरकार द्वारा कठोर कार्रवाई नहीं करना है, जिसके कारण से नक्सलवाद को बढ़ावा मिल रहा है।
-सुरेंद्र बिंदल, जयपुर
..............

स्थानीय स्तर पर मिल रहा है समर्थन
नक्सलियों को आधुनिक हथियार और स्थानीय स्तर पर मिलने वाले समर्थन के कारण ही आज भी नक्सलवाद फल- फूल रहा है। महज अरनपुर थाने से दो किमी दूर पर बारूदी सुरंग लगाकर ग्यारह लोगों को विस्फोटक द्वारा उड़ा देने की घटना में कहीं ना कहीं सुरक्षा तंत्र की खामी उजागर करती है।
-संजय डागा, हातोद
......................

ठोस कदम उठाए सरकार
छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले ने स्पष्ट कर दिया कि समस्या के निराकरण के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होगे। हमारे जवानों को सीधे नक्सली इलाकों में भेजने की बजाय सरकार को अब एयर स्ट्राइक को प्रमुख उपाय के रूप में अपनाना चाहिए।।
-विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
................

स्थायी समाधान कैसे हो
जब तक शोषित, पीडि़त, भूमिहीन किसान एवं मजदूर, विस्थापित आदिवासी एवं सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से पिछड़े लोगों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो जाता है, तब तक नक्सलवादी समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं है। सरकारी एवं गैर सरकारी दोनों स्तरों पर इस समस्या का समाधान तलाश करना होगा
जीतेश जादौन, धौलपुर
.................

बड़ी समस्या

नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। हमारी फोर्सेज में स्थानीय लोगों की भर्ती करना चाहिए क्योंकि वे उस जगह की अच्छी जानकारी रखते है, और इसमें टेक्नोलॉजी का प्रयोग जैसे ड्रोन मैपिंग , स्मॉल कैमरा , सर्विलेंस सिस्टम के प्रयोग से नक्सलियों की धरपकड़ करनी चाहिए। नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के विरूद्ध वातावरण बनाकर उन्हें देश भक्ति से जोडऩा चाहिए ।
-तरुण कर्मा, बड़वाह