
आपकी बात, सड़कों के रखरखाव पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता?
मिलीभगत का खेल
जनप्रतिनिधियों, सरकारी विभागों के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते सड़कें बदहाल ही रहती हैं। पहले सड़क बनवाते हैं और तुरंत किसी न किसी विभाग को सड़क खोदने की अनुमति दे देते हैं। सड़कों के रखरखाव के नाम पर करोड़ों का बजट पारित करते हैं और अच्छी सड़कों की लीपापोती कर बजट समाप्त कर देते हैं। खराब सड़कों के खड्डे अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ाने में सहायक होते हैं और वाहनों की मरम्मत के बेहतर अवसर उपलब्ध होने से वाहन सर्विसिंग कम्पनियां लाभान्वित होती हैं। इन सभी वर्गों के निहित स्वार्थ के कारण सड़कों का वास्तविक अर्थ में रखरखाव नहीं किया जाता। बजट का उपयोग करने के लिए खानापूर्ति अवश्य ही की जाती है।
-गिरीश कुमार जैन, कोटा
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बढ़ गए सड़क हादसे
ऐसा एक दिन नहीं होगा, जब समाचार पत्र-पत्रिकाओं में किसी सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित समाचार प्रकाशित न होता हो। कभी चालक की लापरवाही से तो कभी सड़कों की खराबी के कारण हजारों जिंदगियां समय से पहले ही काल को ग्रास में समा जाती हैं। सड़कों की व्यवस्था बनाए रखने के लिए टोल वसूल की जाती है, इसके पश्चात भी अनेक स्थानों पर सड़कों का हाल बेहाल है। सड़क निर्माण में प्राय: खराब माल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी पोल एक बारिश में ही खुल जाती है। परिणामत: सड़कों पर गड्ढों की संख्या बढ़ती ही जाती है।
-अजिता शर्मा, उदयपुर
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भ्रष्टाचार है बड़ा कारण
सड़कों के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता। जिम्मेदार ठेकेदार एवं एजेंसियां समय पर सड़कों की मरम्मत नहीं करवाती। इससे हादसे होते रहते हैं। साथ ही सड़क निर्माण मैं बहुत अधिक भ्रष्टाचार होता है जिसके कारण सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता।
-सुरेंद्र बिंदल,जयपुर
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घटिया निर्माण का नतीजा
सड़क सुरक्षा अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, फिर भी भारत में इस मुद्दे पर खास ध्यान नहीं दिया जाता। ग्रामीण सड़कों का निर्माण अमूमन प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत होता है जिसमें पांच वर्ष तक उनके रखरखाव की जवाबदेही निर्माता एजेंसियों की होती हंै। इस शर्त पर अब तक अमल नहीं होने के कारण घटिया निर्माण होता रहा है। परिणामस्वरूप सड़कें बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं।
-कुमारी पंकज नेहरा, बांसबूंदी, चूरू
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बढ़ रहे हैं हादसे
सरकारी नुमाइंदों की निष्क्रियता, जनप्रतिनिधियों की कमजोर इच्छाशक्ति और भ्रष्टाचार के कारण सड़कों की मरम्मत नहीं हो पाती। इससे हादसे होते रहते हैं।
किरण लक्ष्मण विश्नोई, अनूपगढ़, श्रीगंगानगर
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पुलिस करती है नजरअंदाज
किसी भी सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा हो सकते हैं। जुर्माना वसूलने में लगे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को सड़कों के हाल नजर नहीं आते। वे सड़कों की दुर्दशा के मुद्दे को बड़ी आसानी से नजर नजरअंदाज कर देते हैं। उनकी अनदेखी व लापरवाही के कारण सड़कों के रखरखाव में देरी होती है।
-नूरजहां रंगरेज, भीलवाड़ा
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कमीशन का खेल
सड़कें खराब होंगी, तभी उसके लिए टेंडर खुलेगा और कमीशन का खेल चल पाएगा। यह मानसिकता ही हर जगह काम कर रही है। यह गलत सोच ही विकास के मार्ग की बाधा है ।
- गजानन पाण्डेय , हैदराबाद
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बजट की कमी है कारण
सरकार, जनप्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों में दृढ इच्छाशक्ति का अभाव है। यही वजह हैं कि सरकार न तो सड़कों के रखरखाव के लिए पर्याप्त बजट देती है और न ही जनप्रतिनिधि और अधिकारी पर्याप्त बजट की मांग करते हंै।
-सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
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उदासानी हैं अधिकारी
खराब सड़कों के कारण सभी लोग परेशान हैं। असल में सड़कों के रखरखाव के मामले में जिम्मेदार विभाग तथा अधिकारीगण अक्सर उदासीन रहते हंै। आम जन भी इस मामले में जागरूक नहीं हैं।
-सुरेश दीवान, रायपुर, छत्तीसगढ़
Published on:
12 Oct 2022 03:59 pm
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