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आपकी बात, जातीय जनगणना को लेकर राजनीतिक दलों में एक राय क्यों नहीं बन पा रही?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

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Gyan Chand Patni

Sep 25, 2023

आपकी बात, जातीय जनगणना को लेकर राजनीतिक दलों में एक राय क्यों नहीं बन पा रही?

आपकी बात, जातीय जनगणना को लेकर राजनीतिक दलों में एक राय क्यों नहीं बन पा रही?

बढ़ेगा जातिगत विद्वेष

जातिगत जनगणना करने में कई व्यावहारिक समस्याएं हैं। इसमें एक आशंका यह है कि ओबीसी की जनसंख्या बहुत अधिक होने पर इसके लिए अधिक आरक्षण की मांग उठेगी। जातिवार गणना के बाद विभिन्न जातियों की शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति सामने आ जाएगी। इसके परिणाम स्वरूप विभिन्न जातियां अपने लिए अलग आरक्षण की मांग करेंगी। जातिगत जनगणना के बाद जातिगत विद्वेष बढ़ेगा, जिसके फलस्वरूप सामाजिक समरसता भी प्रभावित होगी। इससे देश की अखंडता एवं संप्रभुता पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा।

-मंथन शर्मा, राजगढ़, अलवर

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वोट बैंक की राजनीति

हर दल का अपना एजेंडा है। सभी दल अपने वोट बैंक की राजनीति का फायदा चाहते हैं। ऐसे में जातीय जनगणना में एक मत नहीं हो पा रहे हैं। सभी दल अपने फायदे के हिसाब से सोचते हैं।

-दिलीप शर्मा, भोपाल, मध्यप्रदेश

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जातीय राजनीति को मजबूती

जनगणना अपने आप में बहुत ही जटिल कार्य है। जनगणना में कोई भी चीज जब दर्ज हो जाती है, तो उससे एक राजनीति भी जन्म लेती है, विकास के नए आयाम भी उससे निर्धारित होते हैं। इस वजह से कोई भी सरकार उस पर बहुत सोच समझ कर ही काम करती है। जातीय जनगणना जातीय राजनीति को मजबूती मिलती है।

-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर

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समाज को बांटने का षड्यंत्र

जातीय जनगणना से देश में भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा। जातीय जनगणना समाज को बांटने का षड्यंत्र के अलावा कुछ भी नहीं है। राजनीतिक दलों को अपना उल्लू सीधा करना होता है, चाहे देश का नुकसान ही हो जाए।

प्रकाश एस जैन, नीमच

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स्वार्थ की राजनीति

नेता क्षेत्रवाद, भाषा, जाति व धर्म के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। हर दल अपनी-अपनी ढपली और अपना राग अलाप रहे हैं । स्वार्थ की राजनीति को छोड़कर सभी दल देश हित की बात सोचें। इसी में सबका भला है। -सुनील कुमार माथुर, जोधपुर

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वोट बैंक है कारण

कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक को साधने के लिए जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। इतने महत्त्वपूर्ण विषय पर राजनीतिक दलों में कोई एक राय नहीं बन पाई है।

-शिवा सारस्वत, वनस्थली, टोंक

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बदल सकती है देश की राजनीति

देश के सभी बड़े राजनीतिक दलों को डर रहता है कि यदि जातीय आंकड़े सामने आए तो देश में राजनीति की दिशा नई करवट ले सकती है। क्षेत्रीय पार्टियां हमेशा इसके पक्ष में रहती हैं, क्योंकि वे जातीय आधार पर ही मजबूत हैं।

- रमेश गोस्वामी, अलवर