
तय दिनचर्या में ढालें
बच्चों में समय की पाबंदी और जिम्मेदारी सिखाने के लिए उन्हें एक तय दिनचर्या में ढालें जैसे रोज़ समय पर उठना, पढ़ना, खेलना और सोना। छोटे-छोटे काम जैसे बैग तैयार करना, खिलौने समेटना या पौधों को पानी देना उन्हें खुद करने दें। काम पूरा करने पर उनकी तारीफ करें और गलती होने पर प्यार से समझाएं। बच्चे बड़ों को देखकर सीखते हैं, इसलिए खुद भी समय के पाबंद बनें। खेल-खेल में सिखाएं और धैर्य रखें, बच्चे धीरे-धीरे सब समझने लगते हैं। - पवन बैरवा, भीलवाड़ा
बच्चों को पुरस्कृत करें
बच्चों में समयबद्धता और जिम्मेदारी का भाव जगाने के लिए उन्हें छोटी उम्र से ही नियमित दिनचर्या में ढालें। उन्हें अपने काम खुद करने जैसे होमवर्क, कपड़े समेटना, बिस्तर ठीक करना सिखाएं। समय पर सोने-जागने की आदत डालें। पुरस्कृत करें जब वे समय पर काम पूरा करें और परिणामों का अनुभव करने दें जब वे न करें। खुद उदाहरण बनें और अपनी जिम्मेदारियों को समय पर निभाएं। - डॉ अभिनव शर्मा, झालावाड़
बच्चों को खेल-खेल में सिखाएं
आजकल के समय में हर बच्चा इंटरनेट की दुनिया में व्यस्त है और बाहरी मेल मिलाप व खेल-कूद नहीं के बराबर हो गए हैं। बच्चों को खेल-खेल में सिखाएं। अच्छी आदतें और घर के लिए कुछ नियम बनाएं। बच्चों को छोटे-छोटे काम देकर जिम्मेदार बनाएं। उनको खुद का रोल मॉडल बनाएं ओर अच्छा काम करने पर शाबाशी दें। - तेजेंद्र खत्री, फलौदी
सकारात्मक समर्थन व प्रोत्साहन दें
बच्चों में समयबद्धता व जिम्मेदारी का भाव जगाने के लिए उनके किए कार्यों को सकारात्मक समर्थन और प्रोत्साहन दें, जिससे उनमें आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी। उन्हें छोटे छोटे लक्ष्य बनाएं। समय सारिणी और नियम बनाएं। आत्मनियंत्रण की रणनीतियां सिखाने, नैतिक मूल्यों और अनुशासन की बातें बताने, क्रोध प्रबंधन, छोटी छोटी जिम्मेदारियों के साथ शुरू करने, माता-पिता को उनके साथ मिलकर काम करने तथा उनकी उपलब्धियों को सराहा जाना चाहिए।- शिवजी लाल मीना, जयपुर
समय पर काम करना सिखाएं
बच्चों में समयनिष्ठा और जिम्मेदारी का विकास करना आवश्यक है। कार्यों को टालने की आदत छोड़कर उन्हें समय पर काम करना सिखाना चाहिए। यह उन्हें भविष्य में सफल बनाने में मदद करेगा। - टी. एस. कार्तिक, चेन्नई
Published on:
01 Jun 2025 02:51 pm
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