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आपकी बात, चीन सीमा पर हालात अब भी पूरी तरह सामान्य क्यों नहीं हो पा रहे हैं?

   पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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चीन के खतरनाक मंसूबे
चीन अपनी पुरातन साम्राज्यवादी सोच को  छोड़ नहीं पा रहा। उसे अब भी लगता है कि वह भारत को डरा धमकाकर उसकी जमीन हड़प लेने में सफल होगा। भारत अपनी धरा को किसी भी कीमत पर छोड़ सकता।  -विशाल कटारा , डूंगरपुर
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सतर्क रहे भारत
चीन की हरकतें अच्छी नहीं हैं। वह पीठ पीछे छुरा घोंपने का काम करता है। इसलिए उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।  
- प्रियव्रत चारण,जोधपुर  
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चीन का आक्रामक रवैया
चीन और भारत के बीच में सीमा विवाद है। भारत शांति वार्ता और आपसी समझौते से इसका हल चाहता है, लेकिन चीन का रवैया आक्रामक है। चीन अपने सैनिकों को भारतीय क्षेत्र में आगे बढ़ाता रहता है।                          -निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर
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 स्थायी समाधान जरूरी
भारत और चीन सीमा विवाद का स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है। इससे चीन से खतरा बना हुआ है।  -मोदिता सनाढ्य, उदयपुर
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 हालात सामान्य नहीं
चीन की सरकार का उद्दंड  रवैया, बार-बार पूर्व समझौतों का उल्लंघन, पड़ोसी देशों का चीन को परोक्ष समर्थन और संयुक्त राष्ट्र की उदासीनता के कारण हालात सामान्य नहीं हो रहे। सहिष्णुता की नीति इत्यादि कारणों से चीन सीमा पर हालात अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो पा रहे हैं।
-प्रेम किशोर स्वामी, जबलपुर, मप्र
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नियंत्रण रेखा पर गतिरोध बरकरार
भारत और चीन सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं है। हालांकि दोनों ही देश कूटनीतिक माध्यम से मुद्दे को हल करने में जुटे हैं।  गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्ते बेहद बिगड़ गए थे। जब तक सीमा पर गतिरोध खत्म नहीं होगा तब तक चीन के साथ रिश्ते सामान्य नहीं होंगे।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर