
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों का विरोध () कर रहे किसानों को भारत के ओलम्पिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह (Vijendra Singh) का साथ मिला है। अब पेशेवर मुक्केबाजी की तरफ रूख कर चुके विजेंदर (Vijendra) ने रविवार को कहा कि अगर किसानों की मांग पूरी नहीं की जाती हैं तो वह अपने सभी पदक लौटा देंगे। विजेंदर ने बीजिंग ओलम्पिक-2008 (Beijing Olympics) में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने विश्व स्तर पर भी कई पदक जीते हैं। इस मुक्केबाज ने दिल्ली-चंडीगढ़ रास्ते पर सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात की और इनकी मांगें पूरी न होने पर पदक लौटने की घोषणा की।
विजेंदर ने कहा, 'मैं मुक्केबाज विजेदर सिंह, ओलम्पिक पदक विजेता। मैंने विश्व स्तर पर कई पदक जीते हैं। पंजाब के हमारे बड़े भाई यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हमारे किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। विजेंदर ने कहा, सोनीपत पहलवानों की धरती है। मैं घोषणा करता हूं कि अगर सरकार इन किसानों की मांग पूरी नहीं करती तो मैं अपने सभी पदक लौटा दूंगा।
विजेंदर भारत के लिए ओलम्कि पदक जीतने वाले पहले मुक्केबाज थे। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। विजेंदर ने कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं होती हैं तो वह अपना राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार लौटाने से भी नहीं चूकेंगे। विजेंदर को ओलम्पिक पदक जीतने के बाद 2009 में यह पुरस्कार मिला था।
विजेंदर ने कहा, 'मुझे अवार्ड इसलिए मिला था कि मैंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन किया था, लेकिन जिस तरह से यह सरकार किसानों से व्यवहार कर रही है यह मान्य नहीं हैं। इसलिए विरोध में मैं अपने पुरस्कार लौटा दूंगा और वो सभी सुविधाएं भी जो मुझे अवार्ड के साथ मिली हैं।'
विजेंदर ने उम्मीत जताई है कि सरकार किसानों की बातें सुनेगी। उन्होंने बाकी अन्य खिलाड़ियों का भी किसानों का साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया। पंजाब के पांच बड़े पूर्व खिलाड़ियों ने रविवार को सिंघु बॉर्डर पर किसानों के साथ प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इनमें राजबीर कौर, गुरमैल सिंह (हॉकी), करतार सिंह (कुश्ती), जयपाल सिंह (मुक्केबाजी), ध्यानचंद अवार्डी अजीत सिंह (हॉकी) के नाम शामिल हैं।
Published on:
07 Dec 2020 05:08 pm
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