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Lakshya Sen Paris olympics 2024: एक और पदक जीतने से चूका भारत, ब्रोंज मेडल मुक़ाबले में मलयेशिया के ली जी जिया से हारे लक्ष्य सेन

यह लक्ष्य के करियर का अबतक का सबसे बड़ा मुक़ाबला था। ऐसे में अनुभव की वजह से वे दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी ली जिया से हार गए। इस हार के साथ भारतीय शटलरों का ओलंपिक गेम्स में सफर समाप्त हो गया है।

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राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य सेन (photo - BFI)

Lakshya Sen won Bronze Medal, Paris Olympics 2024: फ्रांस की राजधानी पेरिस में खेले जा रहे ओलंपिक गेम्स के 10वें दिन भारत चौथा पदक से चूक गया है। बैडमिंटन मेंस सिंगल के ब्रोंज मेडल मुक़ाबले में भारतीय स्टार शटलर लक्ष्य सेन को मलयेशिया के ली जी जिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। 71 मिनट तक चले इस मुक़ाबले में ली जी जिया ने पहला गेम हारने के बाद लक्ष्य को 21-13, 16- 21 और 21- 11 से हराते हुए इतिहास रच दिया।

अपना पहला ओलंपिक खेल रहे लक्ष्य भारत के लिए बैडमिंटन मेंस सिंगल में ब्रोंज मेडल मुक़ाबला खेलने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं। वहीं यह लक्ष्य के करियर का अबतक का सबसे बड़ा मुक़ाबला था। ऐसे में अनुभव की वजह से वे दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी ली जिया से हार गए। इस हार के साथ भारतीय शटलरों का ओलंपिक गेम्स में सफर समाप्त हो गया है।

पहला गेम जीता -
ली जिया के खिलाफ लक्ष्य ने आक्रामक शुरुआत की। लक्ष्य ने 7-3 की बढ़त के साथ शुरुआत की। इसके बाद वे बहदत बनाते चलते गए। मिड ब्रेक के समय इस गेम का स्कोर 11-5 था। इसके बाद लक्ष्य नहीं रुके और 21-13 से बड़ी जीत दर्ज़ की। मलेयिशाई खिलाड़ी के पास लक्ष्य के सूझबूझ वाले खेल का कोई जवाब नहीं है। लक्ष्य स्मैश का भी बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं।

दूसरे गेम में मिली हार -
दूसरे गेम में भी लक्ष्य ने शानदार शुरुआत की और 7-2 की बढ़त बनाई। लेकिन ली जिया ने गजब की वापसी की और मिड ब्रेक तक लक्ष्य पर 11-8 की बढ़त बना ली। इसके बाद एक बार फिर लक्ष्य ने डैम दिखाया और स्कोर 15-14 तक पहुंच गया। लेकिन इसके बाद ली जिया नहीं रुके और एक के बाद एक पॉइंट्स लेते हुए 21-16 से दूसरा गेम जीत लिया।

तीसरे मैच में भी हारे -
तीसरे और निर्णयाक गेम में ली जिया पूरी तरह हावी रहे और 21-11 से अपने नाम किया। साथ ही मैच के साथ-साथ कांस्य पदक भी अपने नाम किया। लक्ष्य ने मैच में कई अनफोर्स्ड एररर्स किए और मलयेशियाई खिलाड़ी को स्मैश पर स्मैश लगाने का मौका दिया। लक्ष्य इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करवाने से चूक गए।

लक्ष्य का सफर -
दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में अपना पूरा ज़ोर लगाया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। गैरवरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ने लगातार दो गेमों में जीत के साथ अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल किया, जिसमें इंडोनेशिया के विश्व नंबर तीन जोनाथन क्रिस्टी के खिलाफ जीत भी शामिल है।

राउंड ऑफ 16 में सेन ने हमवतन एचएस प्रणॉय को 21-12, 21-6 से हराकर अगले राउंड में जगह बनाई थी। उनकी सबसे मुश्किल चुनौती चीनी ताइपे के चाउ टीएन-चेन के खिलाफ थी, जहां उन्होंने एक गेम से पिछड़ने के बाद 19-21, 21-15, 21-12 से जीत हासिल की। ओलंपिक में पुरुष एकल सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय, लक्ष्य सेन मौजूदा चैंपियन और विश्व नंबर 2 डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ 20-22, 14-21 के स्कोर से हार गए।