पुरुषों का प्रदर्शन
अमन ने 91 किलोग्राम से ज्यादा भारवर्ग में हंगरी के फेलफोल्डी लास्ज्लो को 5-0 से मात दी। वहीं बरुण सिंह ने सर्बिया के जोकसिमोविक लास्ज्लो को 49 किलोग्राम भारवर्ग में 3-2 से मात देते हुए स्वर्ण जीता। आकाश कुमार ने अर्जेटीना के मिर्को जेहिएल कुएलो को 56 किलोग्राम भारवर्ग में 3-2 से हरा भारत की झोली में एक और सोना डाला। विजयदीप ने भी 69 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को सोना दिलाया। इससे पहले भावेश सेमीफाइनल मुकाबले में मात खा गए थे और इस कारण उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
इन महिलाओं ने जीता गोल्ड
भारत की छह महिला खिलाड़ी फाइनल में पहुंची थीं जिनमें से नीतू, दिव्या और ललिता ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। यूथ वर्ल्ड चैम्पियनशिप-2017 में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू ने बिले के खिलाफ खेले गए मैच में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्कॉटलैंड की बिलि डेनहोल्म को मात दी। भारतीय मुक्केबाज ने अपनी विपक्षी को 5-0 से करारी शिकस्त दी। दिव्या पवार ने स्थानीय खिलाड़ी डजाना ग्रुमुसा को अच्छी टक्कर दी। 54 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी ने एकतरफा जीत दर्ज की। ललिता का मुकाबला रूस की एंजेलिना काबाकोवा से था जहां ललिता ने 5-0 से जीत हासिल की।
इन्होने ने भी जीते मेडल
ज्योति, मनीषा, नेहा को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। ज्योति, मनीषा और नेहा को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। ज्योति को 2018 की यूरोपियन चैम्पियन इटली की माटियाना ला पियाना ने मात दी। मनीषा को रूस की मालियुगानोवा ने हराया। नेहा कजाकिस्तान के मुक्केबाज का डटकर सामना नहीं कर सकीं। उन्हें दिना इस्लामबेकोवा ने हराया।सेमीफाइनल में मात खाने वाली अनामिका, साक्षी और उमेश को सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।