
नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजों ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के 10वें दिन शनिवार को अपने मुक्के की धमक दिखाते हुए तीन स्वर्ण समेत कुल छह पदक जीते। भारत ने स्वर्ण के अलावा तीन रजत भी जीते। भारत की दिग्गज मुक्केबाज मैरी कॉम ने महिलाओं की 45-48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता। पुरुषों के 52 किलेग्राम भारवर्ग में गौरव सोलंकी और 75 किलोग्राम भारवर्ग में विकास कृष्ण ने स्वर्ण पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया।
तीन रजत भी आए भारत की झोली में
इनके अलावा, भारत की झोली में तीन रजत पदक भी आए। भारत के लिए पुरुषों के 91 प्लस किलोग्राम भारवर्ग में सतीश कुमार, 46-49 किलोग्राम भारवर्ग में अमित पंघाल और 60 किलोग्राम भार वर्ग में मनीष कौशिक ने पदक जीते।मैरी कॉम ने स्वर्ण पदक के लिए खेले गए मुकाबले में इंग्लैंड की क्रिस्टिना ओ हारा को 5-0 से मात देकर पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल किया। मैरी कॉम ने पहले राउंड में सब्र दिखाया और मौकों का इंतजार किया। उन्हें मौके भी मिले जिसे उन्होंन अपने पंचों से बखूबी भुनाया। उन्होंने तीनों राउंड में अपना संयम नहीं खोया और अपने फुटवर्क का अच्छा इस्तेमाल करते हुए क्रिस्टिना को पराजित किया।
गौरव सोलंकी का शानदार प्रदर्शन
पुरुष वर्ग के 52 किलेग्राम भारवर्ग में गौरव सोलंकी को प्रदर्शन भी शानदार रहा। उन्होंने उत्तरी आयरलैंड के ब्रेंडन इरवाइन को 4-1 से मात देते हुए सोने का तमगा हासिल किया। गौरव का भी यह राष्ट्रमंडल खेलों में पहला पदक है। पहले राउंड में गौरव पूरी तरह से हावी रहे। उन्होंने अपने बाएं जैब से अच्छे अंक जुटाए और इरवाइन को परेशान किया। दूसरे राउंड में जैब के अलावा गौरव ने कुछ अच्छे अपरकट का इस्तेमाल भी किया। इरवाइन काउंटर तो कर रहे थे, लेकिन ज्यादा सफल नहीं हो पाए। आखिरी राउंड में गौरव ने और बेहतर प्रदर्शन किया और इरवाइन को आक्रमण नहीं करने दिया। दिन का तीसरा स्वर्ण 75 किलोग्राम भारवर्ग में विकास कृष्ण ने जीता। रियो ओलम्पिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाले विकास ने फाइनल मुकाबले में कैमरून के दियूदोन विल्फ्रे सेयी को 5-0 से हराया।
विकास का पहला राष्ट्रमंडल पदक
राष्ट्रमंडल खेलों में यह विकास का भी पहला पदक है। पांच जजों ने तीन राउंड समाप्त होने के बाद 30-27, 29-28, 29-28, 30-27 और 29-28 अंकों के साथ विकास के पक्ष में विकास के पक्ष में फैसला सुनाया। भारत को मुक्केबाजी में दिन का पहला रजत पदक अमित पंघाल ने 46-49 किलोग्राम भारवर्ग में दिलाया। अमित को इंग्लैंड के गलाल याफाई ने 3-1 से मात देते हुए उनके स्वर्ण के सपने को तोड़ दिया। अमित फाइनल में अच्छा मुकाबला कर रहे थे, लेकिन वह याफाई के आक्रामण के आगे कमजोर पड़ते जा रहे थे। पहले राउंड में अमित हावी थे, लेकिन अगले दो राउंड में वह धीरे-धीरे पिछड़ते चले गए।
हैरी गारसाइड से हारे मनीष
पांच रेफरियों में एक ने दोनों को बराबर अंक दिए और इसलिए फैसला 3-1 रहा। इसके बाद, मनीष कौशिक को पुरुषों की 60 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में आस्ट्रेलिया के हैरी गारसाइड से हारकर रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। गारसाइड ने कए कड़े मुकाबले में कौशिक को 3-2 से मात दी। मुकाबल बेहद रोचक रहा। पहले राउंड में मनीष डिफेंसिव होकर खेल रहे थे, लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने आक्रामकता दिखाई। दोनों मुक्केबाज एक दूसरे को मौका देना नहीं चाहते थे। गारसाइड ने चालाकी से कुछ पंच मनीष को लगाए। वहीं मनीष ने भी राइट जैब और हुक का अच्छा इस्तेमाल किया। आखिरी राउंड के अंतिम समय में मनीष ज्यादा रक्षात्मक हो गए थे।
भारत की झोली में दिन का अंतिम रजत पदक सतीश कुमार ने डाला। उन्हें 91 प्लस किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में इंग्लैंड के फ्रेजर क्लार्क ने 0-5 से हराया। इन खेलों में भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन कुल मिलाकर शानदार रहा है। भारतीय मुक्केबाजों ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य समेत कुल नौ पदक जीते हैं।
Published on:
14 Apr 2018 07:11 pm
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