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टूर्नामेंट के नौवें दिन भारत का यह लगातार छठा स्वर्ण पदक है। सनमाचा से पहले अरुंधति चौधरी (69 किग्रा), विंका (60 किग्रा), साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा), पूनम (57 किग्रा) और गीतिका (48 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीते। चानू ने फाइनल में रूस की वेलेरिया लिंकोवा को 5-0 से जबकि गीतिका ने पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।
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वहीं, पूनम ने फाइनल में स्टील्नी ग्रॉसी को 5-0 से करारी शिकस्त दी जबकि झुलडीज श्याखेतोवा के खिलाफ पांच जजों ने सर्वसम्मति से विंका को विजेता घोषित किया। अरुंधति ने फाइनल में पोलैंड की बरबरा मासिंर्कोव्स्का को 5-0 से करारी मात दी। 20 सदस्यीय भारतीय दल ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 11 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 पदकों का था, जो उसने 2018 में हंगरी में विश्व युवा चैंपियनशिप में जीता था।
इससे पहले, पुरुषों के वर्ग में विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा), अंकित नरवाल (64 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) ने सेमीफाइनल में देश के लिए तीन कांस्य पदक जीते। 10 दिवसीय टूर्नामेंट में पुरुष और महिला मुक्केबाज एक साथ भाग ले रहे हैं। इससे पहले, हंगरी में 2018 में पहली बार पुरुषों और महिलाओं की चैंपियनशिप एक साथ खेली थी। टूर्नामेंट में 52 देशों के 414 मुक्केबाजों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।