पाकिस्तान में व्यापक प्रदर्शन ( Protest In Pakistan ) किया जा रहा है। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने फ्रांसीसी दूतावास में घुसने की कोशिश की। इस दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। पुलिस ने एक बयान में कहा है कि इस प्रदर्शन में कोई घायल नहीं हुआ है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, राजधानी इस्लामाबाद में करीब 3000 प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और फ्रांसीसी दूतावास की ओर बढ़ने लगे लेकिन पुलिस ने सभी को आधा किलोमीटर पहले ही रोक दिया।
दुनियाभर के मुसलमान फ्रांस का कर रहे हैं विरोध
आपको बता दें कि गुरुवार को फ्रांस के नीस शहर स्थित नौट्रे-ड्रम चर्च में एक हमलावर ने एक महिला समेत दो लोगों की चाकू मारकर हत्या कर दी। जबकि इससे कुछ दिन पहले ही इतिहास के एक शिक्षक की गला काटकर हत्या कर दी गई थी।
इन तमाम घटनाओं को लेकर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बयान देते हुए इसे इस्लामिक आतंकी हमला करार दिया था। इससे कुछ दिन पहले ही मैक्रों ने एक और बयान देते हुए कहा था कि इस्लाम पूरी दुनिया के लिए खतरा है और जो लोग फ्रांस को डराकर रखना चाहते हैं अब वे लोग डर के साए में रहेंगे।
फ्रांस को मिला सऊदी अरब का साथ, नीस चर्च में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है, जिससे सिर्फ फ्रांस ही नहीं, बल्कि आज पूरी दुनिया संकट में है। उन्हें डर है कि फ्रांस की करीब 60 लाख मुसलमानों की आबादी समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ सकती है।
मैक्रों के इन बयानों और कट्टरपंथियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर दुनिया भर के मुसलमानों ने फ्रांस और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कतर, जॉर्डन जैसे कुछ मुस्लिम देशों ने फ्रांसीसी सामान का बहिष्कार की भी अपील की है। वहीं, पाकिस्तान, ईरान, बांग्लादेश, लीबिया, कुवैत,तुर्की जैसे देशों में फ्रांस के खिलाफ पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।