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कश्‍मीर मुद्दे पर मुशर्रफ के पास थी गुप्‍त योजना तो बेनजीर और राजीव भी चाहते थे शांतिपूर्ण हल : पूर्व पाक राष्‍ट्रपति

जरदारी के अनुसार, जनरल परवेज मुशर्रफ के पास कश्मीर मुद्दे पर एक गुप्‍त योजना थी, जिसकी कॉपी उनके पास अब भी सुरक्षित है।

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ex pak president jardari 20 others including her sister declared absconder

लाहौर : पाकिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति और पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्‍यक्ष आसिफ अली जरदारी ने लाहौर में एक रैली को संबोधित करते हुए यह दावा किया है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो दोनों कश्मीर समस्या का हल सौहार्दपूर्ण तरीके से निकालने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन राजीव गांधी की अचानक हत्‍या के कारण तब ऐसा नहीं हो सका था। इतना ही नहीं लाहौर में आयोजित इस कश्‍मीर रैली में उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन सेना प्रमुख और बाद में राष्ट्रपति बने जनरल परवेज मुशर्रफ के पास भी कश्मीर के लिए एक 'गुप्‍त योजना थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना के अन्य बड़े अफसर उनकी इस योजना से सहमत नहीं थे।

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इस संदर्भ में बेनजीर ने 1990 में की थी राजीव से बात
जरदारी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि पाकिस्‍तान की तत्‍कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने राजीव गांधी से 1990 में इस संदर्भ में बात की थी और उन दोनों की इस बात पर सहमति बनी थी कि कश्मीर के मुद्दे का दोस्‍ताना हल निकाला जाएगा। उस बातचीत में राजीव ने बेनजीर को यह भी बताया था कि पिछले 10 सालों में पाकिस्तान की ओरे से किसी ने इस मुद्दे पर बात नहीं की है। राजीव गांधी ने यह स्वीकार किया था कि कश्मीर एक अहम मामला है और इसे हल किया जाना चाहिए। राजीव ने बेनजीर से कहा था कि वह सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे को पाक के सामने रखेंगे, लेकिन ऐसा होता इससे पहले 1991 में उनकी हत्या हो गई।
गौरतलब कि 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदूर में कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।

जरदारी ने कहा कि मुशर्रफ की गुप्‍त योजना की कॉपी है उनके पास
रैली में आसिफ अली जरदारी ने एक और बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि जिस दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ पाक के सेना प्रमुख थे, उस दरमियान उनके पास भी कश्मीर मुद्दे पर एक गुप्‍त योजना थी। इस योजना का झुकाव भारत की ओर था, इस वजह से वह अकेले पड़ गए और अन्य वरिष्‍ठ सेना अफसरों ने इस योजना को सिरे से खारिज कर दिया। यही वजह थी कि मुशर्रफ ने जब इस योजना को सेना के अन्य जनरलों के सामने रखा तो सब कमरे से बाहर चले गए। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास मुशर्रफ की उस गुप्‍त योजना की कॉपी है।

कहा, पीपीपी के अलावा किसी ने इस मुद्दे को भारत के सामने सही तरीके से नहीं उठाया
जरदारी ने कहा कि पीपीपी की सरकार के अलावा किसी ने भी इस मुद्दे को सही तरीके से भारत के सामने नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि बेनजीर के बाद 2008 से 2013 के दौरान पीपीपी की सरकार ने ही कश्मीर मुद्दे को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने उठाया था।

नवाज शरीफ पर साधा निशाना
पाक के पूर्व राष्‍ट्रपति ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह नरेंद्र मोदी के दोस्‍त हैं। नवाज शरीफ पाक अधिकृत कश्मीर पर आयोजित मुजफ्फराबाद में आयोजित रैली में भी कश्मीर मुद्दे पर इसीलिए बात नहीं कर पाए थे, क्योंकि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त हैं। मोदी का दोस्त कश्मीर पर बात नहीं कर सकता। शरीफ की प्रधानमंत्री पद से विदाई ठीक ही हुई, क्योंकि उन्होंने कश्मीरियों को धोखा दिया था।