
राजस्थान पत्रिका के अमृत-जलम् अभियान के तहत मोहराई ग्राम पंचायत के समौखी गांव की गंवई नाडी में श्रमदान करते ग्रामीण।
Patrika Amritam-Jalam campaign : निमाज(पाली)। जल संरक्षण के लिए राजस्थान पत्रिका के अमृतंजलम् अभियान का आगाज रविवार को मोहराई ग्राम पंचायत के समौखी गांव की गंवई नाडी में सरपंच देवीसिंह राजपुरोहित की अगुवाई में श्रमदान के साथ किया गया। नाडी की सफाई की गई है, ताकि बारिश में पानी सहेजा जा सके। जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों, महिलाओं, पुरुषों का अभियान में भागीदारी निभाने के लिए श्रमदान का उत्साह देखते ही बना। भोर के साथ ही श्रमवीरों ने कंधे से कंधा मिलाकर नाडी को पुनर्जीवित करने के लिए श्रमदान किया। राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकार के तहत इस अभियान में प्रबुद्धजनों व ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से कचरा उठाया। नाडी की मिट्टी में फंसी प्लास्टिक की थैलियां व गंदगी की सफाई की। तगारियों व फावड़ों की मदद से रेत को नाडी के किनारे कर नाडियों, बावड़ियों, तालाबों समेत प्राचीन धरोहरों को सहेजने और पानी बचाने का संदेश दिया।
एजुकेट गर्ल्स संस्था प्रगति प्रेरक भगवती प्रसाद, मेघवाल समाज के पन्नालाल मेघवाल, ई-मित्र कियोस्क संचालक मुकेश कुमार, किसान मनोहर सिंह, ढगलनाथ, भंवरनाथ, ढगलाराम,गणेश राम, प्रगतिशील किसान नाथूराम, पन्नाराम रेनवाल, भीकाराम, लक्ष्मणराम, बचनाराम, मकू देवी, पानकी, सुगनाई, शिवदेवी समेत ग्रामीणों ने जोश के साथ श्रमदान किया।
श्रमवीरों ने नाडी में श्रमदान के दौरान उगी कंटीली झाड़ियों को काटा। कंटीली झाड़ियों को नाडी के किनारे लाकर आग के हवाले किया, कंटीली झाड़ियों कुछ समय में ही राख में तब्दील हो गई।
यूं तो पिछले कुछ दिनों से सूर्यदेव अपना रौद्र रूप भोर होते ही दिखाना शुरू कर देते हैं। लेकिन रविवार को मौसम ने भी श्रमवीरों का साथ दिया। क्षेत्र में तड़के हुई बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया। सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे रहे। ठंडी हवा के बीच श्रमवीर उत्साह के साथ अभियान का हिस्सा बने रहे।
राजस्थान पत्रिका की पहल सराहनीय हैं। अभियान के तहत नाडी की सफाई होगी, कूड़ा करकट बाहर निकल जाएगा। नाडी में पानी भरेगा, जो आने वाले समय में काम आएगा। पत्रिका को यह अभियान सतत रूप से जारी रखना चाहिए।
-देवीसिंह राजपुरोहित, सरपंच ग्राम पंचायत मोहराई।
राजस्थान पत्रिका के अभियान में समौखी के ग्रामीण भाग ले रहे हैं। श्रमदान का उद्देश्य भी यही है कि गांव का पानी गांव में ही रहे। नाडियों में पानी भरने से नलकूप व बेरे रिचार्ज होंगे। पत्रिका का धन्यवाद जिन्होंने ऐसी मुहिम चलाई।
-भगवती प्रसाद, समौखी वासी।
अठेनाडी में पानी भरीजे वो नीचे जमीन में उतर जाई। जद बेरा में पानी बढ़ जाई। इने वास्ते पत्रिका रो ओ बढ़िया काम है।
-गणेशराम, समौखी वासी।
Published on:
16 Jun 2025 07:33 pm
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