
पाली के कलक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन करते ग्रामीणों को प्रवेश करने से रोकते पुलिसकर्मी।
Pali News : पाली जिले के बूसी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त चिकित्सक व कांग्रेस महिला नेत्री के विवाद को लेकर ग्रामीणों ने सोमवार को चिकित्सक के पक्ष में धरना प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट के बाहर पहुंचे ग्रामीणों ने नारे लगाकर निष्पक्ष जांच की मांग की तथा जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
बूसी गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त चिकित्सक डॉ. रमेशचंद्र के कांग्रेस नेत्री रेखा परिहार के साथ अभद्र भाषा में बात करने, नेत्री व उसके भाइयों से मारपीट करने का वीडियो वायरल हुआ था। कांग्रेस नेत्री का बांगड़ चिकित्सालय में उपचार कराया। चिकित्सक को एपीओ किया गया। इस मामले में बूसी के साथ पादरली तुर्कान, टेवाली, सेदरिया, पाचेटिया, भादरलाऊ, इंदरवाड़ा, सोमेसर व सोनाई मांझी आदि गांवों के ग्रामीण कलक्ट्रेट पहुंचे। उनका कहना था कि राजनीतिक द्वेष के कारण चिकित्सक को फंसाया है। घटना के दिन चिकित्सक को पहले उकसाया गया। इसके बाद वीडियो बनाया गया।
ज्ञापन में बताया कि डॉ. रमेशचंद्र के चिकित्सालय में आने के बाद यहां ओपीडी बढ़ी। मरीजों का उपचार भी बेहतर हो रहा है। उनको षडयंत्र के तहत फंसाया है। ग्रामीणों ने मामले में निष्पक्ष जांच के साथ चिकित्सक को फिर नियुक्त करने की मांग की। इस मौके सुरेश चौधरी, भंवर चौधरी, पूर्व बूसी सरपंच दुर्गाराम, मांगीलाल, वीरेंद्र सिंह, मुकेश मालवीय, रतनसिंह, मोहनलाल, प्रकाश, अकरम ख़ान, सुनील पुरी, दिलीप, मांगीलाल राव, नरपत सिंह, मोइन ख़ान, गजेंद्र राव, लीला देवी, भंवरी, सुखिया, संतोष, गट्टू, रेखा, कन्या देवी आदि मौजूद रहे।
इस प्रकरण को लेकर चिकित्सक रमेशचंद्र की ओर से पांच जनों के खिलाफ गुड़ा एंदला थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस रिपोर्ट में रेखा परिहार, निरमा जवाली, हितेश पुत्र मांगीलाल जवाली, दीपाराम पुत्र चुन्नीलाल डुठारिया व दीपक मंडोर जोधपुर के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने, सरकारी सम्पत्ति व दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाने व अभद्र व्यवहार करने का मामला दर्ज कराया है।
उधर, जिला महिला कांग्रेस की ओर से जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर मामले में दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में बताया कि कांग्रेेस महिला नेत्री के साथ ऐसी घटना होना निंदनीय है। जिलाध्यक्ष ऐश्वर्या सांखला के नेतृत्व में दोषी चिकित्सक व कार्मिकों को निलम्बित करने, घटना की स्वतंत्र जांच करवाने, सरकारी अस्पतालों में महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करवाने व अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य लगवाने की मांग की। इस मौके अनिता, इन्द्र पंवार, सुनिता कंवर, गीता, रामचन्द्र बुनकर आदि मौजूद रहे।
मारवाड़ मेघवाल सेवा संस्थान की ओर से बूसी मामले में ज्ञापन सौंपा। जिला प्रवक्ता प्रताप भटनागर नाड़ोल ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। सचिव लोकेश पंवार ने बताया कि अस्पताल में दलित महिला के साथ हिंसा होना मानवता और समानता के अधिकार पर हमला है। ज्ञापन देते समय लक्ष्मण बेगड, प्रदीप वर्मा, राजेश्वर पुनड, नत्थूमल, डूंगाराम फरेशा, लक्ष्मण माधव, आदेश कुमार परमार, गणपत परिहार, खीमाराम पारंगी आदि मौजूद रहे।
Published on:
09 Jun 2025 07:13 pm
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